लेफ्टिनेंट जनरल वीपीएस कौशिक ने भारतीय सेना के एडजुटेंट जनरल का पदभार ग्रहण कर लिया है। शुक्रवार को महत्वपूर्ण पदभार ग्रहण करने से पहले, वीपीएस कौशिक त्रिशक्ति कोर में जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) के रूप में कार्यरत थे। अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा "लेफ्टिनेंट जनरल वीपीएस कौशिक ने आज भारतीय सेना के एडजुटेंट जनरल का पदभार ग्रहण किया। इस महत्वपूर्ण पदभार को ग्रहण करने से पहले, वह त्रिशक्ति कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में कार्यरत थे।"
लेफ्टिनेंट जनरल विनोद नांबियार ने भी सेना विमानन के महानिदेशक और कर्नल कमांडेंट का पदभार ग्रहण किया। एक्स पर एक पोस्ट में, अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय ने लिखा, "लेफ्टिनेंट जनरल विनोद नांबियार ने आर्मीएविएशन के महानिदेशक और कर्नल कमांडेंट का पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण करने पर, उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक एनडब्ल्यूएम में बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित की और सेना विमानन के सभी रैंकों को राष्ट्र की सेवा में उसी जोश और उत्साह के साथ सेवा करते रहने के लिए प्रेरित किया।"
कौन होते हैं एडजुटेंट जनरल ?
एडजुटेंट जनरल भारतीय सेना में एक सीनियर पोस्ट है। इस पोस्ट का अधिकारी सेना से जुड़े कई अहम मुद्दों पर काम करता है। उसके ऊपर कई तरह की जिम्मेदारियां होती हैं। एडजुटेंट जनरल सैनिकों के नियोजन का काम करता है। किसी भी विशेष काम के लिए टीम का गठन करना हो या एक से ज्यादा बटालियन के सैनिकों की टीम बनानी हो। ऐसे काम एडजुटेंट जनरल के होते हैं। सेना में भर्ती करना। सैनिकों को मिलने वाली सुविधाएं और उनकी जिम्मेदारियां तय करना, सैनिकों में अनुशासन बनाए रखने के लिए नीतियां बनाना भी एडजुटेंट जनरल की जिम्मेदारी होती है।
1965 और 1971 के युद्ध में लापता हुए सैनिकों से जुड़े मामले, जज एडजुटेंट जनरल (जेएजी) विभागों से संबंधित मामले, प्रोवोस्ट मार्शल (सैन्य पुलिस) निदेशालय, पैदल सेना की कुछ रेजिमेंटों के कार्मिकों से संबंधित सेवा मामले (इन्फ.6 कार्मिक) और सेवारत सैनिकों को मिलने वाली सुविधाओं से जुड़े फैसले भी एडजुटेंट जनरल करते हैं। (इनपुट- एएनआई)
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