Highlights
- हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह को बेटी ने दी मुखाग्नि
- शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह का अंतिम संस्कार नई दिल्ली के बरार स्क्वायर श्मशान में किया गया
- केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और सशस्त्र बलों के प्रमुखों ने भी दी श्रद्धांजलि
नयी दिल्ली: लेफ्टिनेट कर्नल हरजिंदर सिंह का रविवार को यहां बरार स्क्वायर में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। वह पिछले हफ्ते तमिलनाडु के कुन्नूर में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले 13 लोगों में शामिल थे। लेफ्टिनेट कर्नल हरजिंदर सिंह की बेटी ने चिता को मुखाग्नि दी। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और सशस्त्र बलों के प्रमुखों ने दिल्ली छावनी के बरार स्क्वायर में लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाया था।
सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और अन्य सैन्य अधिकारियों ने लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह को श्रद्धांजलि दी। उनके परिवार में उनकी पत्नी मेजर (सेवानिवृत्त) एगनीस पी मेनेजेस और बेटी प्रीत कौर हैं। रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह के परिवार को सांत्वना देते हुए भी दिखे। रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, “ तमिलनाडु में दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह को श्रद्धांजलि दी। उनका असमय निधन अत्यंत दुखद है। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। ईश्वर उन्हें इस भारी क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करें।”
भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और सशस्त्र बलों के 10 अन्य कर्मियों की आठ दिसंबर को कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में मृत्यु हो गई थी। लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह का जन्म 17 अप्रैल 1978 को हुआ था और वह सितंबर 2001 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। सीडीएस के स्टाफ ऑफिसर के रूप में कार्यरत लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह 11 गोरखा राइफल्स से संबंधित थे और रावत भी इसी रेजिमेंट से थे।
सेना के अधिकारी ने देश के पूर्वोत्तर में चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा पर भी सेवा दी। उन्होंने देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षक के रूप में भी काम किया है। दो दिन पहले जनरल रावत और उनकी पत्नी का बरार स्क्वायर शवदाह गृह में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था। दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह हैं, जिनका बेंगलुरु में इलाज चल रहा है।
दुर्घटना में जान गंवाने वालों में विंग कमांडर पी एस चौहान, स्क्वाड्रन लीडर के सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक, लांस नायक बीएस तेजा, हवलदार सतपाल, जेडब्ल्यूओ दास और जेडब्ल्यूओ प्रदीप शामिल थे।