नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के आह्वान पर हम देश-विदेश के 10 करोड़ से अधिक परिवारों को इस संबंध में निमंत्रण देंगे। राम लला का अभिषेक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। आगामी जनवरी में अयोध्या में सभी हिंदुत्व परंपराओं के लगभग 4000 प्रमुख संत, विहिप के प्रमुख पदाधिकारी और देश के वरिष्ठ सामाजिक, सांस्कृतिक और रचनात्मक नेतृत्व भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि हम दिवाली भगवान श्री राम के 14 साल बाद अयोध्या लौटने का जश्न मनाते हैं, लेकिन 22 जनवरी 2024 को दुनिया दूसरी दिवाली मनाएगी जब राम जी 500 साल बाद अपने जन्मस्थान पर लौटेंगे।
विश्व हिंदू परिषद ने की है अपील
भारत की आजादी का अमृत काल चल रहा है, इसलिए यह आवश्यक है कि दुनिया भर से संपूर्ण हिंदू समाज इस 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हो। सभी राम भक्तों को एक ही दिन अयोध्या नहीं बुलाया जा सकता, इसलिए हमारा आह्वान है कि दुनिया भर के हिंदू अपने मोहल्ले या गांव में बने मंदिर को ही अयोध्या मानें और वहां एकत्रित होकर वहां की परंपरा के अनुसार पूजा-अर्चना और अनुष्ठान करें। पूज्य संतों द्वारा दिए गए 'विजय महा मंत्र' "श्री राम जय राम जय जय राम" का जाप करें, अयोध्या के भव्य दिव्य कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखें, प्रार्थना और आरती करें और प्रसाद बांटने के लिए हाथ मिलाएं और इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का आनंद लें।
देश-विदेश में आयोजित होंगे कार्यक्रम
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष ने दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 5 नवंबर 2023 को श्री राम जन्मभूमि मंदिर में पवित्र 'अक्षत' (पीले चावल) कलश को संगठन की संरचना के अनुसार गठित 45 प्रांतों में भेजा गया है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आह्वान पर इस निमंत्रण को लेकर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता अन्य हिंदू संगठनों के साथ मिलकर 1 से 15 जनवरी 24 के बीच देश के शहरों और गांवों में हिंदू परिवारों से मुलाकात करेंगे। ऐसा ही एक कार्यक्रम विदेशों में रहने वाले हिंदुओं के लिए भी आयोजित किया गया है।
इस निमंत्रण के साथ, हम प्रत्येक परिवार को पूजा में रखे जाने वाले भगवान राम और उनके मंदिर की एक तस्वीर और अन्य आवश्यक जानकारी भी देंगे। हमारा अब तक का आकलन है कि दुनिया भर के 5 लाख से ज्यादा मंदिरों में यह आयोजन जरूर होगा और लाखों हिंदू इसमें हिस्सा लेंगे। इस बार हम समाज में कुछ मांगने नहीं जा रहे हैं। अत: इस कार्य में लगी टीमें अथवा कर्मी किसी भी प्रकार का उपहार, दान अथवा अन्य सामग्री स्वीकार नहीं करेंगे।
एक लाख लोगों के दर्शन की है व्यवस्था
उन्होंने यह भी कहा कि 1984 से चल रहे श्री राम जन्मभूमि को मुक्त कराने के अभियान में लाखों हिंदुओं ने भाग लिया है। इस उद्देश्य के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कई मुक्ति योद्धा अब इस दुनिया में नहीं हैं, और उनके परिवार उन्हें देखना चाहते होंगे। उनके सपने की पूर्ति. इस उद्देश्य से विहिप ने देश को 45 प्रांतों में वर्गीकृत किया है और प्रत्येक प्रांत से 27 जनवरी से 22 फरवरी के बीच एक निश्चित दिन पर अयोध्या आने का अनुरोध किया है। लगभग 1 लाख लोगों के दर्शन की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने प्रत्येक हिंदू परिवार से 22 जनवरी 24 की शुभ रात्रि में कम से कम 5 दीपक जलाने और उसके बाद किसी भी दिन परिवार और दोस्तों के साथ अयोध्या आने का आह्वान किया। विश्व हिंदू परिषद को विश्वास है कि राम जी का यह मंदिर दुनिया भर के हिंदुओं के बीच सद्भाव, एकता और स्वाभिमान का प्रसार करेगा और एक राष्ट्रीय मंदिर के रूप में उभरकर भारत को परम वैभव की ओर ले जाएगा।