अक्सर भक्त भगवान से मिलने उनके दर्शन करने मंदिर जाते है, लेकिन साल में एक बार ऐसा भी अवसर आता है जब खुद भगवान भक्तों से मिलने उनके दरवाजे तक जाते है। ऐसा ही शुभ अवसर एक बार फिर आया है, अहमदाबाद में फिर से भगवान भक्तों के द्वार पहुंचेंगे। मंगलवार को भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा निकलेगी। आषाढ़ी दूज के दिन शहर के जमालपुर स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर से निकलने वाली यात्रा की तैयारियां खत्म हो चुकी है। उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी रथयात्रा के तहत भगवान जगन्नाथ, अपने भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ शहर के पारंपरिक मार्ग से नगर भ्रमण पर निकलेंगे और इस दौरान श्रद्धा और भक्ति का सैलाब उमड़ेगा।
गुजरात के मुख्यमंत्री करते हैं पहिंद
हर साल की प्रथा के मुताबिक गुजरात के मुख्यमंत्री रथयात्रा को प्रारंभ करने की पहिंद विधि करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो इस प्रथा का निर्वाह करते थे। रथयात्रा की शुरुआत से पहले सोने के झाड़ू से भगवान के मार्ग को साफ किया जाता है और फिर रथयात्रा का शुभारंभ होता है। इससे पहले सुबह 4 बजे मंगला आरती में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उपस्थित रहेंगे। करीबन 18 किलोमीटर लंबी रथयात्रा की अगुवाई श्रृंगारित गजराज करेंगे। फिर सुबह 7 बजे भगवान जगन्नाथ , बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र रथ में सवार होकर नगर यात्रा के लिए निकलेंगे।
थ्री डी मैपिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग
अहमदाबाद शहर में 20 जून को निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा की तैयारियों को लेकर रविवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर में समीक्षा की थी। जानकारी के मुताबिक रथयात्रा में पहली बार थ्री डी मैपिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग कर निगरानी की जाएगी। गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी की मौजूदगी में गांधीनगर में हुई बैठक में अहमदाबाद शहर के प्रभारी पुलिस आयुक्त प्रेमवीर सिंह ने रथयात्रा को लेकर शहर पुलिस की तैयारियों का प्रेजेंटेशन दिया। पहली बार यात्रा मार्ग, निज मंदिर, स्ट्रेटेजिक पॉइंट की थ्री डी मैपिंग तकनीक से निगरानी की जाएगी।
पहली बार एंटी-ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि रथ यात्रा के दौरान अनधिकृत ड्रोन का इस्तेमाल नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पहली बार एंटी-ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा, राज्यभर में 198 रथयात्राएं निकाली जाएंगी। मुख्य रथयात्रा के साथ अकेले अहमदाबाद में 6 छोटी शोभा यात्राएं निकाली जाएंगी। रथयात्रा के 20 किलोमीटर के मार्ग की निगरानी के लिए कुल 26,091 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाएगा, जिनमें पुलिस और अर्द्धसैनिक इकाइयां शामिल हैं और उन्हें 45 स्थानों पर लगे 94 सीसीटीवी कैमरों से सूचनाएं दी जाएंगी। 2,322 ‘बॉडी वियर कैमरों’ और सीसीटीवी और जीपीएस प्रणाली वाले 25 वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा।
पुलिस अधिकारियों की पैदल गश्त
गृह राज्यमंत्री संघवी ने कहा कि रथयात्रा मार्ग से पुलिस अधिकारियों को परिचित कराने के लिए एरिया फेमिलराइजेशन के तहत 3732 पैदल गश्त की गई। 32 उड़ान भरकर ड्रोन से संवेदनशील क्षेत्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। 250 छतों पर प्वाइन्ट और रूट पर 25 वॉच टावर लगाए गए। रथयात्रा के दौरान कोई अनधिकृत ड्रोन का उपयोग नहीं कर सके इसके लिए पहली बार एन्टी ड्रोन टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया जाएगा
बंटेगा 65 हजार किलो प्रसाद
20 जून को होने वाली रथ यात्रा में 18 गजराज, 101 ट्रक, 30 अखाड़े, 18 भजन जत्थे, 3 बैंड, साधु, संत और श्रद्धालुओं के साथ 1200 नाविक शामिल होंगे। इस यात्रा में दर्शन लेने और शामिल होने वाले भक्तों के लिए करीबन 65 हजार किलो प्रसाद बंटेगा। रथ यात्रा 1878 में अहमदाबाद शहर में शुरू हुई। महंत नरसिंहदासजी महाराज ने अहमदाबाद में रथ यात्रा की शुरुआत की। इस प्रकार आज भी वर्षों बाद रथयात्रा भव्य रूप से निकलती है और भगवान नगर के चारों ओर घूमते हैं और नगरवासियों को दर्शन देते हैं।