भारत भले ही दुनिया का सबसे युवा देश हो और 2024 के आम चुनावों में युवा बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं लेकिन हमारी लोकसभा बूढ़ी होती जा रही है। दिलचस्प है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद लोकसभा हर चुनाव में बुजुर्ग होती जा रही है। 17वीं लोकसभा में सांसदों की औसम उम्र 55.5 हो गई है और इसी के साथ मौजूदा लोकसभा सबसे उम्रदराज लोकसभा बन गई है। पहली लोकसभा में ये उम्र 46.5 थी। दूसरी लोकसभा की बात करें तो सांसदों की औसत उम्र 46.7 थी। तीसरी लोकसभा में सदस्यों की औसत उम्र बढ़कर 49.4 हो गई। युवा वोटरों की बड़ी तादाद का बार-बार हवाला दिए जाने के बावजूद उम्र के लिहाज से 17वीं लोकसभा पहले से अधिक बुजुर्ग है।
पहली लोकसभा (1952) अब तक गठित लोकसभाओं में दूसरी सबसे युवा लोकसभा थी। इस लोकसभा में सांसदों की आयु 46.5 वर्ष थी। उस समय 51 से 55 वर्ष के 93 सांसद थे। 71 वर्ष से पार महज एक सांसद था। 16वीं लोकसभा में 40 वर्ष से कम उम्र वाले सदस्य आठ प्रतिशत थे, जबकि 17वीं लोकसभा में ऐसे सदस्य 12 प्रतिशत हैं। बता दें कि 17वीं लोकसभा के लिए 2019 में चुनाव हुए थे। कुल 397 सांसद राष्ट्रीय पार्टियों से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। इनमें 52 कांग्रेस के सदस्य हैं। मौजूदा लोकसभा में सदस्यों की औसत आयु 55.5 वर्ष है।
पहली से लेकर अब तक लोकसभा में सांसदों की औसत आयु-
- पहली लोकसभा- 46.5
- दूसरी लोकसभा- 46.7
- तीसरी लोकसभा- 49.4
- चौथी लोकसभा- 48.7
- पांचवीं लोकसभा- 49.2
- छठी लोकसभा- 52.1
- सातवीं लोकसभा- 49.9
- आठवीं लोकसभा- 51.4
- नौवीं लोकसभा- 51.3
- दसवीं लोकसभा- 51.4
- ग्यारहवीं लोकसभा- 52.8
- बारहवीं लोकसभा- 46.4
- तेरहवीं लोकसभा- 55.5
- चौदहवीं लोकसभा- 52.6
- पंद्रहवीं लोकसभा- 53.0
- सोलहवीं लोकसभा- 55.6
- सत्रहवीं लोकसभा- 55.0
सबसे युवा रही 12वीं लोकसभा
1998 की 12वीं लोकसभा में सांसदों की औसत आयु सबसे कम 46.4 वर्ष दर्ज की गई। इस तरह यह लोकसभा सबसे युवा रही। वहीं, 16वीं लोकसभा में 86 साल के लालकृष्ण आडवानी सबसे उम्रदराज सदस्य थे।
2024 में 2.63 करोड़ नए मतदाता
देश में इस बार लोकसभा चुनाव दुनिया का सबसे ज्यादा मतदाताओं की हिस्सेदारी वाले चुनाव का रिकॉर्ड बनाएगा। देश की कुल आबादी का 66.76 फीसदी युवा हैं यानी वोट देने वाले बालिग लोग हैं। देश में कुल मतदाताओं का ग्राफ 96.88 करोड़ तक पहुंचा है जो 2019 के आम चुनाव के बाद से छह फीसदी इजाफे की तस्दीक करता है। 2.63 करोड़ नए मतदाताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है। उनमें से 1.41 करोड़ महिला मतदाता हैं। जबकि इनमें पुरुष मतदाताओं की हिस्सेदारी सिर्फ 1.22 करोड़ ही है।
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