Thursday, November 21, 2024
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लोकायुक्त अधिकारियों ने 12 अधिकारियों के यहां की छापेमारी, आय के अज्ञात सोर्स से जुड़ा है मामला

कर्नाटक के 50 से अधिक स्थानों पर लोकायुक्त अधिकारियों ने छापेमारी की है। यह छापेमारी 12 सरकारी अधिकारियों के परिसरों पर की गई है। बता दें कि लोकायुक्तों ने अधिकारियों के आय के ज्ञात स्त्रोत से अधिक संपत्ति मामले में यह छापेमारी की है।

Reported By : T Raghavan Edited By : Avinash Rai Updated on: July 19, 2024 10:55 IST
Lokayukta raid on 12 officers at more than 50 locations across Karnataka- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO लोकायुक्त अधिकारियों ने 12 अधिकारियों के यहां की छापेमारी

कर्नाटक में शुक्रवार को लोकायुक्त अधिकारियों ने आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में दो नगर आयुक्त समेत 12 सरकारी अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी की। एक लोकायुक्त अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि इनमें से एक निकाय आयुक्त राज्य के एक प्रमुख तटीय शहर में तैनात हैं। अधिकारी के अनुसार, छापेमारी बेंगलुरु, तुमकूर, शिवमोगा, यादगिरी और कलबुर्गी में की गई। उन्होंने बताया, ‘‘अधिकारियों ने आज सुबह 54 स्थानों पर छापेमारी शुरू की, जिसमें 100 से अधिक अधिकारी शामिल थे।’’ 

अलग-अलग अधिकारियों के यहां छापेमारी

अधिकारी ने बताया कि इन्वेस्ट कर्नाटक फोरम, यादगीर जिला पंचायत, पशु चिकित्सा विभाग, बेंगलुरु के हेब्बागोडी, मंगलुरु, श्रम विभाग, वाणिज्यिक कर विभाग, कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड, बागवानी विभाग, और भद्रावती ग्राम पंचायत में तैनात अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी की गई। शुक्रवार को लोकायुक्तों की कार्रवाई कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के कुछ ही दिनों बाद हुई। दरअसल आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया था। शिवकुमार ने सीबीआई द्वारा दर्ज आय से अधइक संपत्ति मामले को रद्द करने की मांग की थी। 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल सुप्रीम कोर्ट डीके शिवकुमार द्वारा दायर एकयाचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कर्नाटक उच्च न्यायालय के 19 अक्तूबर 2023 के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने सीबीआई को अपनी जांच पूरी करने और तीन महीने के भीतर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि शिवकुमार ने पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 2013 से 2018 के बीच अपनी आय के ज्ञात स्त्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की है। सीबीआई ने 3 सितंबर 2020 को एफआईआर दर्ज की थी और शिवकुमार ने इसे 19 अक्तूबर 2023 को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

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