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राजस्थान में 'न्यूक्लियर पावर प्लांट' लगने से पहले भारी विरोध, लाठी और आंसू गैस चलाने पड़े, जानें कारण

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में प्रस्तावित न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर स्थानीय लोगों ने भारी विरोध शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, मुआवजा देने के बाद भी जमीन खाली नहीं की जा रही थी। इस कारण पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

Reported By : Manish Bhattacharya Edited By : Subhash Kumar Published : Aug 02, 2024 15:39 IST, Updated : Aug 02, 2024 15:50 IST
बांसवाड़ा में न्यूक्लियर पावर प्लांट का विरोध।
Image Source : AP बांसवाड़ा में न्यूक्लियर पावर प्लांट का विरोध। (सांकेतिक फोटो)

बांसवाड़ा में प्रस्तावित न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर स्थानीय लोगों ने भारी विरोध शुरू कर दिया है। प्लांट के लिए जमीन खाली करवाने गई पुलिस और लोगों के बीच टकराव हो गया है। विरोध कर रहे स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया तो पुलिस ने भी लोगों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। दरअसल, बांसवाड़ा के छोटी सरवन में 2800 मेगावाट का न्यूक्लियर पावर प्लांट लगना है। यहां से लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा था। 

ज्यादा मुआवजे को लेकर विवाद?

बताया जा रहा है कि मुआवजा देने के बाद भी जमीन खाली नहीं की जा रही थी। इसी मामले को लेकर तीन जिलों की पुलिस को मौके पर तैनात किया गया और यहां से लोगों को हटाना था। अगस्त में इस प्लांट का शिलान्यास होना था। इसी कारण इन परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट कराया जा रहा था। जबकि स्थानीय लोग ज्यादा मुआवजा देने की लगातार मांग कर रहे थे और दूसरी जगह शिफ्ट होने से मना कर दिया था। ऐसे में प्रशासन आज पुलिस की मदद से इन लोगों को शिफ्ट करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन ग्रामीण इसके विरोध में उतर गए और हाईवे जाम कर दिया। 

लोगों ने पथराव भी किया

सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। सुबह करीब 10:30 बजे बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। विरोध को बढ़ता देख पुलिस ने जब इन्हें हटाना शुरू किया तो पथराव शुरू कर दिया। इस पथराव में क्यूआरटी का जवान कल्पेश गरासिया घायल हो गया, जिसके सिर पर पत्थर लगा। उसे बांसवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है। वही एक एसएचओ और सिपाही को भी चोट लगी।

महिलाओं ने जाम किया हाईवे

बीएपी नेता समेत कई लोग हिरासत में लिए गए हैं। इस विरोध प्रदर्शन में स्थानीय महिलाओं ने नेशनल हाईवे 927-A (बांसवाड़ा-डूंगरपुर-रतलाम) हाईवे को जाम कर दिया। पुलिस ने महिलाओं और लोगों को हटाने का प्रयास किया। इस पर वहां भगदड़ मच गई और कुछ लोग पहाड़ी पर चले गए और वहां से पथराव शुरू कर दिया।इस मामले में कोतवाली पुलिस ने बीएपी नेता हेमंत राणा समेत कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है।

क्यों भड़के ग्रामीण?

जानकारी के मुताबिक, मांग पूरी होने से पहले विस्थापन शुरू हुआ,इसीलिए ग्रामीण भड़क गए हैं। उनका कहना है कि जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक विस्थापित नहीं होंगे। क्षेत्र के एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला ने कहा की अभी मौके पर शांति है और पुलिस और प्रशासन अपना काम कर रहा है।

सरकार का दावा- 415 करोड़ का मुआवजा दिया

परमाणु बिजली घर का निर्माण कार्य शुरू होने से पहले इस क्षेत्र में आने वाले 6 गांवों बारी, सजवानिया, रेल, खड़िया देव, आडीभीत और कटुम्बी में रहने वाले करीब 3 हजार लोगों को विस्थापित किया जाना है। इन परिवारों को सरकार द्वारा 415 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जा चुका है। इसके बदले में 553 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है। इन गांवों से विस्थापित होने वाले लोगों के लिए पास के खड़िया देव में 60 हेक्टेयर जमीन मकान बनाने के लिए ढूंढी गई है।

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