देश के 74वें गणतंत्र दिवस से जुड़े आधिकारिक परेड और अन्य समारोह गुरुवार को पूरे जम्मू-कश्मीर में शांतिपूर्वक संपन्न हुए और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू के मौलाना आजाद स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद परेड की सलामी ली। पुलिस, अर्धसैनिक बल, सेना और स्कूली बच्चों की टुकड़ियों ने पोडियम से मार्च किया, जबकि दर्शकों ने उनके अनुशासित मार्च की सराहना की।
उपराज्यपाल सिन्हा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सुरक्षा एजेंसियां केंद्र शासित प्रदेश में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए आतंक, उसके पारिस्थितिकी तंत्र और उसके समर्थकों पर हमले में व्यस्त हैं। उपराज्यपाल ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में सक्रिय सुरक्षा एजेंसियों के कल्याण के लिए केंद्र शासित प्रशासन और केंद्र ने कई कदम उठाए हैं। हमें कश्मीरी पंडितों से 8400 आवेदन प्राप्त हुए, जिनकी जमीन और संपत्ति को 1990 में जबरन हड़प लिया गया था। प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि ऐसी संपत्तियों को पुन: प्राप्त किया जाए और उन्हें सौंप दिया जाए।"
'2022 में नागरिक हत्याओं में 55% की कमी'
एलजी ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य हो रही है और दुश्मन के नापाक मंसूबों को नाकाम किया जा रहा है। वर्ष 2022 में नागरिक हत्याओं में 55 प्रतिशत की कमी देखी गई और सुरक्षा बलों के जवानों की हत्या में भी महत्वपूर्ण कमी आई। उन्होंने कहा, "केंद्र शासित प्रदेश को उपलब्धियों की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए जम्मू-कश्मीर में विकासात्मक पहलों की एक श्रृंखला चल रही है। श्रीनगर और जम्मू में जल्द ही मेट्रो बनेंगी, श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर भी ट्यूबों को स्थापित किया जा रहा है।"
जम्मू-कश्मीर में पहली बार एक महिला औद्योगिक एस्टेट होगा, जबकि लगभग 2,000 अधिकारियों की पदोन्नति जो 2001 से नहीं हुई थी, को मंजूरी दी जा रही है। प्रशासन का विशेष ध्यान युवाओं पर है। जम्मू शहर और अन्य जिला मुख्यालयों में आधिकारिक परेड के दौरान जम्मू संभाग में कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, जहां संबंधित जिला विकास आयुक्तों ने सलामी ली।
परेड और अन्य समारोह शांतिपूर्वक संपन्न हुए
मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह श्रीनगर शहर के शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित किया गया था, जहां उपराज्यपाल के सलाहकार आरआर भटनागर ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली। कड़ाके की ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में लोग परेड देखने और सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए पहुंचे। गणतंत्र दिवस से जुड़े परेड और अन्य समारोह श्रीनगर शहर और घाटी के अन्य सभी जिला मुख्यालयों में शांतिपूर्वक संपन्न हुए। सुरक्षा बलों की भारी तैनाती और अन्य कड़ी सुरक्षा व्यवस्थाओं के बावजूद श्रीनगर शहर और बाकी घाटी में जनजीवन सुकून भरा रहा। गणतंत्र दिवस के मद्देनजर गुरुवार को घाटी में कहीं भी किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया।
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