श्रीनगर: उत्तराखंड के पौड़ी जिले में 10 साल की एक बच्ची ने तेंदुए से मुकाबला कर खुद की और अपने भाई की जान बचा ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिले के श्रीनगर में इस बच्ची ने अदम्य साहस का परिचय दिया और तेंदुए के चंगुल से निकलने में सफल रही। तेंदुए के इस हमले में बच्ची के छोटे भाई को मामूली-सी खरोंच आई है और प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर वापस भेज दिया गया है। वन विभाग ने कहा है कि तेंदुए के खतरे को देखते हुए गांव में एक टीम तैनात कर दी गई है।
‘प्रियांशी ने मेज को तेंदुए की तरफ पलट दिया’
रिपोर्ट्स के मुताबक, यह घटना खिर्सू ब्लॉक के गांव भटोली में सोमवार देर शाम हुई जहां 7 साल का बच्चा पीठ पर तेंदुए के पंजों के नाखून लगने से मामूली रूप से घायल हो गया। बच्चे की पीठ पर तेंदुए के 3 नाखून लगे थे। गढ़वाल वन प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी ललित मोहन नेगी ने बताया कि प्रियांशी अपने भाई प्रिंस के साथ बरामदे में पढ़ रही थी कि तभी अचानक तेंदुआ आ धमका और कुर्सी पर बैठे प्रिंस की ओर झपटा। अचानक हुए हमले के बावजूद प्रियांशी ने खुद को संभालते हुए अपने भाई को कुर्सी समेत पीछे खींच लिया और जिस मेज पर दोनों पढ़ रहे थे, उसे तेंदुए की ओर पलट दिया।
‘परिजनों के पहुंचने से पहले तेंदुआ भाग चुका था’
वन अधिकारी ने बताया कि इस बीच बच्चों की चीख पुकार सुनकर उनके माता-पिता और परिवार के बाकी सदस्य बरामदे में पहुंचे लेकिन तब तक तेंदुआ भाग गया था। नेगी ने बताया कि हमले में प्रिंस की पीठ पर तेंदुए का पंजा लग गया जिसके बाद उसे इलाज के लिए बेस अस्पताल श्रीकोट लाया गया और प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि तेंदुए के हमले में घायल होने पर बच्चे के परिजनों को तत्काल दो हजार रुपये दिए गए वहीं बाकी पैसे भी उन्हें जल्द दे दिए जाएंगे। नेगी ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से वन विभाग की टीम को गांव में तैनात कर दिया गया है।