Wednesday, November 20, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. NRI, प्रवासी और सभी भारतीय नागरिकों की शादी का देश में हो रेजिस्ट्रेशन, विधि आयोग की सिफारिश

NRI, प्रवासी और सभी भारतीय नागरिकों की शादी का देश में हो रेजिस्ट्रेशन, विधि आयोग की सिफारिश

रिटायर्ड जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने इस बारे में भारत के कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को कवरिंग लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि NRI, और भारतीय नागरिकों के बीच शादी के मामलों में बढ़ती धोखाधड़ी की बात चिंताजनक है।

Edited By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Updated on: February 16, 2024 17:28 IST
विधि आयोग की बड़ी सिफारिश।- India TV Hindi
Image Source : PTI विधि आयोग की बड़ी सिफारिश।

NRI भारतीय नागरिकों के बीच शादी से जुड़ी धोखाधड़ी वाले मामलों में बढ़ोतरी पर विधि आयोग ने चिंता जाहिर की है। आयोग ने सिफारिश की है कि एनआरआई, प्रवासी भारतीयों और भारतीय नागरिकों के बीच सभी विवाह अनिवार्य रूप से भारत में पंजीकृत/रेजिस्टर्ड होने चाहिए। इसके साथ ही आयोग ने इस समस्या से निबटने के लिए व्यापक कानून की भी मांग की है। आइए जानते हैं आयोग ने और कौन सी सिफारिशें की हैं। 

क्या है विधि आयोग की राय?

विधि आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने विधि मंत्रालय को 'अनिवासी भारतीयों और भारत के प्रवासी नागरिकों से संबंधित वैवाहिक मुद्दों पर कानून' नामक रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में आयोग ने राय दी है कि प्रस्तावित केंद्रीय कानून अनिवासी भारतीयों (NRI) और भारतीय मूल के प्रवासी विदेशी नागरिकों (OCI) के भारतीय नागरिकों के साथ विवाह से जुड़े सभी पहलुओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त रूप से व्यापक कानून होना चाहिए।

 कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को भेजी गई सिफारिश

रिटायर्ड जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने इस बारे में भारत के कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को कवरिंग लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि NRI, और भारतीय नागरिकों के बीच शादी के मामलों में बढ़ती धोखाधड़ी की बात चिंताजनक है। कई रिपोर्ट में इस बढ़ती प्रवृत्ति का खुलासा भी हुआ है जहां ये शादियां धोखाधड़ी साबित होती हैं, जिससे भारतीय पति-पत्नियों, विशेषकर महिलाओं को अनिश्चित परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। आयोग ने कहा कि इस तरह का कानून न सिर्फ एनआरआई, बल्कि भारतीय मूल के प्रवासी विदेशी नागरिकों (ओसीआई) के दर्जे के साथ आने वाले लोगों पर भी लागू होना चाहिए। साथ ही एनआरआई/ओसीआई और भारतीय नागरिकों के बीच सभी विवाहों को भारत में अनिवार्य रूप से रेजिस्टर्ड किया जाना चाहिए। वहीं, केंद्रीय कानून में तलाक, जीवनसाथी के भरण-पोषण, बच्चों की अभिरक्षा और भरण-पोषण, एनआरआई तथा ओसीआई को समन, वारंट या न्यायिक दस्तावेज तामील करने के प्रावधान भी शामिल होने चाहिए।

पासपोर्ट अधिनियम में बदलाव जरूरी- विधि आयोग

रिटायर्ड जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने अपनी रिपोर्ट में सरकार से कहा है कि  वैवाहिक स्थिति की घोषणा, पति-पत्नी के पासपोर्ट को एक-दूसरे के साथ जोड़ना और दोनों के पासपोर्ट पर विवाह पंजीकरण संख्या का उल्लेख करना अनिवार्य करने के लिए पासपोर्ट अधिनियम, 1967 में संशोधन किए जाने की जरूरत है। (इनपुट: भाषा)

ये भी पढ़ें- मणिपुर में एसपी ऑफिस पर बड़ा हमला, सैकड़ों लोगों ने की परिसर में आगजनी, 30 से ज्यादा घायल

पत्नी के इंस्टाग्राम रील्स बनाने से परेशान हुआ युवक, पेड़ से फांसी लगाकर दे दी जान

 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement