Sunday, April 27, 2025
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मौसम की मार से जीवन अस्त-व्यस्त, हिमाचल में भूस्खलन, उत्तर भारत के कई हिस्सों में बारिश; हिमस्खलन में 5 अब भी लापता

उत्तर भारत के कई हिस्सों में बारिश से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। हिमाचल प्रदेश में कई जगह बिजली आपूर्ति की सेवा ठप हो गई है। कई पर्यटक फंसे हुए हैं। उत्तराखंड में हुए हिमस्खलन में 5 लोग अब भी लापता हैं।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Mar 01, 2025 23:03 IST, Updated : Mar 01, 2025 23:07 IST
हिमाचल में भूस्खलन
Image Source : PTI हिमाचल में भूस्खलन

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और हिमपात के कारण शनिवार को भूस्खलन हुआ। सड़कें जाम हो गईं, जिससे राज्य में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, जबकि उत्तर भारत के कई अन्य हिस्सों में बारिश हुई। उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमस्खलन में फंसे 50 श्रमिकों को बचा लिया गया, लेकिन उनमें से 4 की शनिवार को मौत हो गई। बचाव दल शेष 5 श्रमिकों को बचाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहा है। 

भूस्खलन के बाद बंद हो गया ता हाईवे

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 270 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग गुरुवार शाम को रामबन जिले में भारी हिमपात और भूस्खलन की कई घटनाओं के कारण बंद हो गया था, लेकिन मौसम में सुधार होने और सड़क से मलबा हटाने के बाद इसे छोटे वाहनों के लिए फिर से खोल दिया गया। 

4 श्रमिकों की हुई मौत

दिल्ली, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में शनिवार को बारिश हुई। उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में सीमा सड़क संगठन (BRO) के शिविर में हिमस्खलन के कारण बर्फ के नीचे 55 श्रमिकों के दबने की घटना के एक दिन बाद शनिवार तक 50 श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया है, लेकिन उनमें से 4 की शनिवार को मौत हो गई। बचाव दल शेष पांच श्रमिकों की तलाश में जुटा है। 

बीआरओ शिविर के पास हुआ हिमस्खलन

सेना के अनुसार, शुक्रवार सुबह 5:30 से छह बजे के बीच माणा और बद्रीनाथ के बीच बीआरओ शिविर के पास हिमस्खलन हुआ, जिससे आठ कंटेनर और एक शेड के अंदर 55 श्रमिक दब गए। शुक्रवार रात तक 33 लोगों को बचा लिया गया। शुक्रवार को बारिश और हिमपात के कारण बचाव कार्य में बाधा उत्पन्न हुई और रात होने के कारण अभियान स्थगित कर दिया गया था। 

उत्तराखंड में हिमस्खलन

Image Source : PTI
उत्तराखंड में हिमस्खलन

3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है माणा गांव

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन के जोशी ने बताया कि मौसम ठीक होने पर माणा में तैनात सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने सुबह बचाव अभियान फिर से शुरू किया। सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि बचाव अभियान में छह हेलीकॉप्टर लगे हुए हैं। इनमें तीन थलसेना के, दो वायुसेना के और सेना द्वारा किराए पर लिया गया एक असैन्य हेलीकॉप्टर शामिल है। बद्रीनाथ से तीन किलोमीटर दूर स्थित माणा, भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अंतिम गांव है। 

12 मकानों को पहुंचा नुकसान

पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और हिमपात से राज्य के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, सड़कें जाम हो गईं। कुल्लू में पानी के तेज बहाव के कारण मलबे का ढेर जमा हो गया। कांगड़ा जिले के रोकारू (मुल्थान) में लगातार बारिश और बादल फटने से हुए भूस्खलन के कारण कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और 12 मकानों को नुकसान पहुंचा। 

हिमाचल में भारी बारिश से कई पर्यटक फंसे

कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज ने बताया कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है और पुनर्निर्माण कार्य जारी है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि पालमपुर में शिव जलविद्युत परियोजना के निकट एक व्यक्ति लापता हो गया और उसकी तलाश के लिए अभियान शुरू किया गया है। भारी हिमपात के कारण चंबा में पांगी घाटी से संपर्क टूट गया है और बिजली तथा दूरसंचार सेवाएं प्रभावित हुई हैं। कुल्लू में कुछ स्थानों पर बिजली व पानी की आपूर्ति अब भी बाधित है। टोहलू नाला में, भूस्खलन के कारण कीरतपुर-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग जाम हो गया और पर्यटक फंस गए। 

अभी तक बहाल नहीं हुई बिजली आपूर्ति

कुल्लू में कुल 112 सड़कें बंद हैं और 1646 ‘ट्रांसफार्मर’ को चालू करने का काम जारी है। कुल्लू के जिलाधिकारी तारुल रवेश ने बताया कि कुल 125 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं। उन्होंने बताया कि कुल्लू-मनाली मार्ग भी बंद है और वाहनों को नग्गर की ओर भेजा जा रहा है, जबकि मणिकरण और मनाली में बिजली आपूर्ति अभी बहाल नहीं हुई है। इस बीच, राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान मध्यम से भारी हिमपात और बारिश हुई तथा खदराला, कोठी, निचार व जोत में क्रमशः 20 सेंटीमीटर, 15 सेंटीमीटर, 5 सेंटीमीटर और 4 सेंटीमीटर हिमपात हुआ। 

उत्तराखंड में भूस्खलन

Image Source : PTI
उत्तराखंड में भूस्खलन

कश्मीर में कई जगह भूस्खलन

जम्मू-कश्मीर में मौसम की स्थिति में सुधार होने के बाद शनिवार सुबह जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनिहाल-नाशरी खंड के 66 किलोमीटर लंबे हिस्से की मरम्मत का काम तेज कर दिया गया। भारी बारिश के कारण किश्तवाड़ी पाथर, मौम पासी, हिंगनी, पंथियाल, मेहर और दलवास सहित एक दर्जन स्थानों पर चट्टानें खिसकने के कारण भूस्खलन हुआ, जबकि काजीगुंड और रामसू के बीच हिमपात से सड़कों पर फिसलन बढ़ गई। मेहर के पास सड़क का एक किनारा धंस गया है, जबकि एक बड़े भूस्खलन ने कुन्फर-पीराह सुरंग की एक ट्यूब को जाम कर दिया है। 

दिल्ली में शनिवार को हुई बारिश

अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को लगातार बारिश के कारण सड़क की मरम्मत में बाधा आई। रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने कहा कि 66 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग पर कम से कम 16 स्थान ऐसे हैं, जो बारिश के कारण असुरक्षित हो गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह हल्की बारिश हुई और न्यूनतम तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत से 4.1 डिग्री अधिक है। 

राजस्थान के कई इलाकों में बारिश

दिल्ली में शनिवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटे में दो मिमी बारिश दर्ज की गई। विभिन्न मौसम केंद्रों सफदरजंग में 1.8 मिमी, पालम में एक मिमी और पीतमपुरा में चार मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने बताया कि शनिवार को राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, जहां चूरू में अधिकतम 28 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद चिरावा (झुंझुनू) में 18 मिमी बारिश दर्ज की गई। (भाषा के इनपुट के साथ)

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