राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के लिए आज का दिन मुश्किल भरा हो सकता है। लालू यादव को चारा घोटाला मामले में 2022 के अप्रैल में झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। मगर झारखंड हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ CBI ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था और जमानत को रद्द करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने CBI की इस याचिका को स्वीकार कर लिया है और इस पर आज सुनवाई होनी है।
क्या है चारा घोटाला?
बिहार का चारा घोटाला सबसे बड़ा घोटाला था। इस घोटाले में पशुओं के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले चारा, दवाईयों समेत अनेक जरूरी चीजों को लेकर घोटाला किया गया था। ये घोटाला इतना बड़ा था कि जब इसका खुलासा हुआ तब किसी को एक बार में यकीन ही नहीं हुआ। दरअसल 80 और 90 के दौरान बिहार के अलग-अलग कोषागारों में पशुओं के चारों और दवाईयों के नाम पर 950 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला सामने आया था।
कब हुआ मामले का खुलासा?
बिहार के सबसे बड़े घोटले का खुलासा 1996 में हुआ। दरअसल 1995 के दिसंबर महीने में बिहार में तब के फाइनेंस कमिश्नर वीएस दुबे अलग-अलग विभागों की फाइल्स और उनके कार्यों की जांच कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पाया कि पशुपालन विभाग में फर्जी बिल के जरिए सालों के करोड़ों रुपयों का गबन किया जा रहा है।
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