राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो चुके हैं। चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी में मुख्य मुकाबला है। सत्ता पर काबिज रही कांग्रेस का दावा है कि वो एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब रहेगी। इस बीच, चुनावी साल में 'लाल डायरी' ने राजस्थान की सियासी तपिश बढ़ा दी थी। चुनाव में बीजेपी ने 'लाल डायरी' को बड़ा मुद्दा बनाया। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के लिए 'लाल डायरी' मुसीबत बनी रही, जिसमें भ्रष्टाचार के कई आरोप का जिक्र है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'लाल डायरी' का जिक्र करते हुए अशोक गहलोत सरकार और कांग्रेस पार्टी पर जमकर वार किए। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर सरकार के नाम पर लूट की दुकान चलाने का आरोप लगाया, तो वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'लाल डायरी' को कल्पना बताया और बीजेपी पर राजेंद्र गुढ़ा को मोहरे की तरह इस्तेमाल करने का आरोप मढ़ा। 'लाल डायरी' के मुद्दे पर हमने पोल चलाया। इंडिया टीवी के इस पोल में लोगों ने अपनी राय रखी, जिसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
लाल डायरी पर क्या है जनता की राय?
इंडिया टीवी के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर हमने जनता से पूछा था कि "क्या 'लाल डायरी' राजस्थान चुनाव में कांग्रेस के लिए गले की हड्डी बन गई है?" और हमने 'हां', 'नहीं' और 'कह नहीं सकते' के विकल्प दिए थे। पोल पर कुल 10,973 लोगों ने अपना जवाब दर्ज कराया और काफी हैरान करने वाले नतीजे सामने आए। 85 फीसदी जनता ने लाल डायरी मुद्दा को कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बताई। वहीं, 11 फीसदी लोगों का मानना है कि इस मुद्दे से राजस्थान में कांग्रेस के लिए कोई मुश्किल खड़ी नहीं होगी, जबकि 4 फीसदी लोग कन्फ्यूज दिखे। 4 फीसदी लोगों ने 'नहीं कह सकते' के विकल्प पर वोट किया।
डायरी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं सामने
बता दें कि अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा ने ‘लाल डायरी’ में विधायकों के खरीद-फरोख्त का लेखा-जोखा होने की बात कही थी। इसके बाद विवाद इतना ज्यादा बढ़ा कि लाल डायरी लेकर विधानसभा पहुंचे बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। इससे पहले उन्हें मार्शलों के जरिए विधानसभा से बाहर तक निकलवा दिया गया। 'लाल डायरी' में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार और उनके प्रशासन के भ्रष्टाचार से संबंधित जानकारी है। एक संवाददाता सम्मेलन में गहलोत सरकार से निष्कासित राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने डायरी में लिखी लाइनें पढ़ी थी और कहा था कि इसमें अशोक गहलोत सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का विवरण है। डायरी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आईं।