बेंगलुरु: तिरुपति लड्डू विवाद के बड़ा रूप लेने के बाद कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को एक परिपत्र जारी कर हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के तहत आने वाले सभी मंदिरों को निर्देश दिया कि वे वहां तैयार किए जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता बनाए रखें। मंदिरों को केवल ‘कर्नाटक मिल्क फेडरेशन’ के नंदिनी ब्रांड घी का ही इस्तेमाल करने को कहा गया है।
मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता को कायम रखने का निर्देश
सरकारी परिपत्र में कहा गया है, ‘‘निर्देश दिया जाता है कि कर्नाटक राज्य धार्मिक बंदोबस्ती विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी अधिसूचित मंदिर ‘सेवा’, दीये, सभी प्रकार के प्रसाद बनाने तथा दसोहा भवन (जहां भोजन परोसा जाता है) में केवल नंदिनी घी का ही इस्तेमाल करें।’’ उसमें कहा गया है, ‘‘निर्देश दिया जाता है कि मंदिरों में प्रसाद की गुणवत्ता को कायम रखा जाए।’’
श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने शुक्रवार को खुलासा किया कि गुणवत्ता के लिए जांचे गए नमूनों में घटिया घी और ‘लार्ड’ (सूअर की चर्बी) की मौजूदगी पाई गई है, जो आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा 2 दिन पहले किए गए दावों से मेल खाता है।
तिरुपति के लड्डू प्रसाद में चर्बी मिलाने का दावा
बता दें कि आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर में दिए जाने वाले लड्डू प्रसाद में मिलावट का आरोप लगाया है। उन्होंने गुजरात की एक लैब की रिपोर्ट पेश करके दावा किया कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार के दौरान तिरुपति के प्रसाद को बनाने में चर्बी से बने घी का इस्तेमाल किया जाता था। इस घी को खरीदने का ठेका एक प्राइवेट कंपनी को दिया गया था। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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