तिरुवनंतपुरम: कुवैत में हुए अग्निकांड के बाद केरल में कई परिवार असमंजस में हैं। उन्हें अपने परिजनों के खोने का गम सता रहा है। वे अपने परिजनों की चिंता में दुख में डूबे हैं। हालांकि अभी तक उन्हें अपने रिश्तेदारों के बारे में अधिकारियों से कोई जानकारी नहीं मिली है। इस बीच राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। कई समाचार चैनल पर केरल के 14 लोगों की तस्वीरें दिखाई जा रही हैं जिनकी इस आग त्रासदी में मौत हो गई। हालांकि, कई परिवारों ने मीडिया को बताया कि उन्हें अभी तक उनके रिश्तेदारों के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं मिली है।
सीएम ने बुलाई आपात बैठक
वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कुवैत अग्निकांड मसले पर कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि मृतक के परिवार को केरल सरकार की ओर से 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा साथ ही केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज आज कुवैत के लिये रवाना होंगी। वे विदेश मंत्राय के साथ मिलकर मृतकों के शवों को भारत लाने के काम में सहायता करेंगी।
कोई खबर नहीं मिलने से परिजन परेशान
उधर, दुख में डूबे एक माता-पिता ने बताया, ‘‘ उसका फोन अब भी बज रहा है। हमें नहीं समझ आ रहा क्या करना है।’’ कई खबरों अनुसार, कुवैत में हुए इस अग्निकांड में केरल के पथानामथिट्टा, कोल्लम, कोट्टायम, मलप्पुरम, कन्नूर और कासरगोड जिलों के लोगों की जान गई है। कोल्लम जिले के पुनालुर के एक व्यक्ति के परिवार ने बताया कि दोस्तों से पता चला है कि वह लापता है। रिश्तेदारों ने कहा, ‘‘ हमें अभी तक कोई अधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन वहां रह रहे हमारे दोस्तों ने घटना की पुष्टि की है।’’
छह मंजिला इमारत की रसोई में लगी थी आग
असमंजस में पड़े इन परिवार वालों के घरों पर स्थानीय लोगों तथा रिश्तेदारों का तांता लगा दिख रहा है। वे परिवारों को सांत्वना देते नजर आ रहे हैं। कुवैत के अधिकारियों के अनुसार, कुवैत के दक्षिणी अहमदी गवर्नेट के मंगफ क्षेत्र में छह मंजिला इमारत की रसोई में आग लगी थी। इमारत में एक ही कंपनी के 195 मजदूर रहते थे।
40 भारतीयों समेत कुल 49 लोगों की मौत
इस हादसे में 40 भारतीयों सहित 49 विदेशी मजदूरों की मौत हो गई है। वहीं 50 अन्य घायल हो गए जिनका इलाज जारी है। इस घटना के बाद इमारत के मालिकों और कंपनी मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। उन्होंने खर्चे कम करने के लिए कानून का उल्लंघन किया और बड़ी संख्या में विदेशी मजदूरों को बेहद असुरक्षित परिस्थितियों में वहां ठहराया था। (इनपुट-भाषा)