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Kolkata Tram Service: क्या कलकत्ता के विरासत ट्राम को हटाने जा रही है बंगाल सरकार?

Kolkata Tram Service: ट्राम को पश्चिम बंगाल सरकार हटाने का विचार कर रही है। बंगाल सरकार इसके बदले नयी ट्रॉली बसों को यातायात के साधन के रूप में इस्तेमाल करने जा रही है। जो उपर से गुजरने वाले बीजली के तारों से चलेंगे।

Written by: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published on: June 23, 2022 18:34 IST
Tram in kolkata- India TV Hindi
Image Source : ANI Tram in kolkata

Highlights

  • ट्राम को पश्चिम बंगाल सरकार हटाने का विचार कर रही है
  • पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने गुरुवार को विधानसभा में प्रस्ताव रखा
  • ट्राम की वजह से व्यस्त इलाकों में ट्रैफिक जाम की समस्या सामने आती है

Kolkata Tram Service: कलकत्ता की विरासत मानी जाने वाली ट्राम को पश्चिम बंगाल सरकार हटाने का विचार कर रही है। पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने गुरुवार को विधानसभा को सूचित किया कि राज्य सरकार कोलकाता के भीड़भाड़ वाले इलाकों से ट्राम को चरणबद्ध तरीके से हटाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि बिजली से संचालित इस सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सिर्फ उन इलाकों में बरकरार रखा जाएगा, जहां की सड़कें चौड़ी हैं। 

हमारे पास और कोई विकल्प नहीं - फिरहाद हकीम

राज्य विधानसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए हकीम ने कहा कि सरकार खिद्दरपुर-एस्प्लेनेड जैसे मार्गों पर पर्यावरण के अनुकूल ट्राम चलाने के पक्ष में है, लेकिन रवींद्र सरानी जैसे व्यस्त इलाकों के संकरे हिस्सों में नहीं, क्योंकि इससे ट्रैफिक जाम की समस्या सामने आती है। मंत्री ने कहा कि उन हिस्सों में जहां ट्राम लाइन सड़क के बीच से होकर गुजरती है, वहां हमारे पास इसे चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है और संभवत: ट्राम को नयी ट्रॉली बसों से बदला जाएगा, जो ऊपर से गुजराने वाले बिजली के तारों से बिजली लेंगी। 

इलेक्ट्रिक वाहनों की उत्पादन लागत कम पर लीथियम बैटरी खर्च बढ़ा देती है

फिरहाद हकीम ने कहा कि परीक्षण के लिए एक ट्रॉली बस यूरोप से मंगाई जा रही है। हकीम ने यह भी बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों की उत्पादन लागत ईंधन से चलने वाले वाहनों की लागत से आधी हो सकती है, लेकिन उन वाहनों में इस्तेमाल की जाने वाली लीथियम बैटरी कुल खर्च बढ़ा देती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उन देशों के साथ समझौता करना चाहिए था, जो कम कीमत पर लीथियम खनिज की आपूर्ति कर सकते हैं।

ट्राम का इतिहास

भारत का इकलौता शहर कोलकाता ही है जहां आज भी ट्राम बड़े ही शान से चल रही है। ट्राम की शुरुआत 1873 के आसपास हुई। पहले इसे खींचने के लिए घोड़े लगे होते थे। लेकिन 1902 में भारत में इलेक्ट्रिक ट्राम की शुरुआत हुई और सड़कों पर इलेक्ट्रिक ट्राम दौड़ने लगी। इस ट्राम परिसेवा को कलकत्ता ट्रामवेज़ कम्पनी द्वारा संचालित किया जाता है। ये पूरे एशिया में सबसे पुरानी इलेक्ट्रिक ट्राम परिसेवा है जो आज भी शहर के लोगों को परिवहन सेवा दे रही है तो वहीं पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। 

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