Friday, September 13, 2024
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कोलकाता रेप-मर्डर केस: 'इसे फांसी दे दो', संदीप घोष को देखते ही चीख पड़ी भीड़, कोर्ट ने भेजा जेल

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को जब कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था तो उसे देखते ही भीड़ चिल्लाने लगी-ये हत्यारा है इसे फांसी दे दो। कोर्ट ने उसे 23 सितंबर तक जेल भेज दिया है।

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published on: September 10, 2024 19:01 IST
sandeep ghosh- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO संदीप घोष भेजा गया जेल

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। संदीप घोष को अपने कार्यकाल के दौरान कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित आरोपों के बाद हिरासत में लिया गया है। कोर्ट में पेशी के लिए ले जाते समय प्रदर्शनकारी वकीलों ने नारा लगाया, ''संदीप घोष को फांसी की सजा दे दो, ये बलात्कारी है, हत्यारा है, चोर है। इसे इधर लाओ, इसका चेहरा दिखाओ। इस पर शर्म आती है। यदि हम इसकी जगह होते तो आत्महत्या कर लेते। इसे केवल सात दिनों के लिए हमारे हवाले कर दो। हम इसे सबक सिखाएंगे।''

कोर्ट ने तीन सहयोगियों को भी भेजा जेल

कोर्ट परिसर में उग्र भीड़ को देखते हुए कड़ी सुरक्षा के बीच संदीप घोष को जेल ले जाया गया और अब वे 23 सितंबर तक जेल में रहेंगे। कोर्ट ने संदीप घोष के अलावा तीन अन्य लोगों- घोष के सुरक्षाकर्मी अफसर अली और ठेकेदार बिप्लब सिन्हा और सुमन हाजरा को भी 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सीबीआई ने कहा है कि यदि आवश्यक हुआ तो वह आगे की हिरासत की मांग कर सकती है। बता दें कि आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के केस में सीबीआई वित्तीय अनियमितताओं और पीड़िता की मौत के संभावित कनेक्शन दोनों की जांच कर रही है।

जांच के घेरे में  पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष 

एक महीने पहले, सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला चिकित्सक का शव मिला था, जिसके साथ बलात्कार किया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी। जांचकर्ता अभी भी उन घटनाओं को उजागर करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं जिनके कारण अपराध हुआ, जिससे अस्पताल के भीतर गहरे मुद्दों का पता चला है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, सीबीआई ने 13 अगस्त को कोलकाता पुलिस से जांच अपने हाथ में ले ली।

कई तरह के मिले सुबूत

जांच के दौरान, यह पाया गया कि पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष ने 10 अगस्त को अपराध स्थल के पास एक टॉयलेट और शौचालय को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। पीडब्ल्यूडी द्वारा आंशिक विध्वंस से महत्वपूर्ण सबूत नष्ट होने का संदेह है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, घोष के कार्यकाल के दौरान वित्तीय कदाचार के आरोपों सहित और भी मुद्दे सामने आए। पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली की एक याचिका में घोष के कथित वित्तीय कुप्रबंधन की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराने का आग्रह किया गया है।

डॉ. अली ने सुझाव दिया कि भ्रष्टाचार डॉक्टर की मौत से जुड़ा हो सकता है, क्योंकि पीड़ित को कदाचार के बारे में पता चल सकता था और संभवतः उसने इसे उजागर करने की धमकी दी होगी। 23 अगस्त को, कलकत्ता HC ने वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य की विशेष जांच टीम (SIT) से सीबीआई को स्थानांतरित कर दी। कई दिनों की पूछताछ के बाद, सीबीआई ने घोष को वित्तीय अनियमितताओं में शामिल होने के आरोप में 2 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया।

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