कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बलात्कार और हत्या की दुखद और भयावह घटना ने पूरे देश में चिकित्सा समुदाय भी आक्रोश में है। डॉक्टरों के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट बनाने की मांग कर रही कमेटी ने अब इस पूरी घटना को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखा है और 6 मांग सामने रखी हैं। आइए जानते हैं कि क्या है डॉक्टर्स की मांग।
घटना की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच
कमेटी ने जेपी नड्डा से अपने सहकर्मी के क्रूर बलात्कार और हत्या की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है। इस जघन्य अपराध के अपराधियों को शीघ्रता से न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए, और कोई कसर बाकी नहीं रहनी चाहिए।
तत्काल अध्यादेश की मांग
जेपी नड्डा को लिखे गए पत्र में कमेटी ने स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए 48 घंटों के भीतर एक अध्यादेश पारित करने की मांग की है। इस अध्यादेश में भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े उपाय शामिल होने चाहिए और स्वास्थ्य कर्मियों को नुकसान पहुंचाने वालों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
संसद में पेश हो कानून
डॉक्टर्स की मांग है कि अध्यादेश के बाद संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे पर एक व्यापक विधेयक पेश किया जाना चाहिए। इस विधेयक में स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए और उनके अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा मिलना चाहिए।
अध्यादेश कानून बनने तक जारी रहे
जेपी नड्डा को लिखे गए पत्र में कमेटी ने मांग की है कि पारित अध्यादेश को तब तक लागू रखना चाहिए जब तक कि विधेयक संसद द्वारा पारित न हो जाए और कानून के रूप में लागू न हो जाए। ऐसे समय में स्वास्थ्य कर्मियों की कानूनी सुरक्षा में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।
अर्धसैनिक बलों की तैनाती और राष्ट्रव्यापी सुरक्षा उपाय
जेपी नड्डा को लिखे गए पत्र में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की तत्काल तैनाती की मांग की गई है। इसके अलावा स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा कर्मियों की वृद्धि और सभी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की गई है। विश्वास बहाल करने और भविष्य में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सेवारत लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली घटनाओं को रोकने के लिए ये उपाय जरूरी हैं।
मुआवजे की भी मांग
कमेटी ने अपने पत्र में मांग की है कि मृत डॉक्टर के परिवार को उनके भारी नुकसान और पीड़ा को ध्यान में रखते हुए तत्काल और पर्याप्त वित्तीय मुआवजा प्रदान किया जाए। इस मुआवजे में अपराध की गंभीरता और ड्यूटी के दौरान डॉक्टर द्वारा किए गए बलिदान को दर्शाया जाना चाहिए। (रिपोर्ट: अनामिका गौर)
ये भी पढ़ें- बांग्लादेश हिंसा: मोहम्मद यूनुस ने पीएम मोदी को किया फोन, जानें क्या बात हुई