किशनगंज (बिहार): बिहार में एक ओर जहां रामनवमी पर्व को लेकर कई जिलों में अशांति पैदा हुई वहीं इसी राज्य के किशनगंज में गंगा जमुनी तहजीब को मजबूत करने वाला एक मजबूत उदाहरण प्रस्तुत किया गया, जब दो भाईयों ने एक मंदिर निर्माण के लिए लाखों रुपए की जमीन दान कर दी। आज के दौर में पूरे देश में हिंदू मुस्लिम को लेकर सियासत भी खूब हो रही है, इस क्रम में राजनीतिक दल के नेता एक दूसरे पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप भी लगा रहे हैं।
इधर, किशनगंज के टाउन थाना क्षेत्र के रूईधासा स्थित वाजपेई कॉलोनी में हनुमान मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिम समुदाय के फैज और फजल अहमद के द्वारा एक कट्ठा (करीब 4 डिसमिल) जमीन स्वेच्छा से दान में दी गई। जहां गुरुवार को मंदिर निर्माण की विधिवत आधारशिला रखी गई, साथ ही ध्वजारोहण किया गया। इस मौके पर दर्जनों हिंदू, मुस्लिम लोग मौजूद रहे।
दरअसल, फैज और फजल अहमद के पिता जेड अहमद ने मुहल्लेवासियों को मंदिर निर्माण के लिए जमीन दान में देने की बात कही थी। लेकिन, असमय उनका निधन हो गया। इसके बाद मुहल्लेवासियों ने जब इस बात की जानकारी उनकी पत्नी और बेटों को दी तो वे भी उनके वादे से पीछे नहीं हटे और वादा निभाने को तैयार हो गए। गुरुवार को श्री हनुमान जन्मोत्सव के पावन मौके पर विधिवत रूप से फैज और फजल अहमद द्वारा दान पत्र पर हस्ताक्षर किया गया और मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी गई।
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फैज ने बताया कि पिताजी की यही आखिरी इच्छा थी। उन्होंने कहा कि सभी संप्रदाय के लोगों को एक दूसरे की जरूरत पड़ती है और मिलजुल कर रहने की अवश्यकता है। फैज के भाई फजल अहमद ने कहा कि इस कॉलोनी में एक भी मंदिर नहीं थी और अब मंदिर निर्माण होने से सभी लोगों को इसका फायदा होगा। इस मौके पर मौजूद स्थानीय निवासियों ने दोनों भाईयों की भूरी भूरी प्रसंशा की और दोनों भाईयों का आभार जताया।