Highlights
- लंबित मामलों की संख्या पांच करोड़ के करीब पहुंची
- 50 मामलों का निपटारा हो पाता तो 100 नए दायर हो जाते: रिजिजू
- लंबित मामलों को कम करने के लिए टेक्नालॉजी का इस्तेमाल कर रही सरकार: रिजिजू
Kiren Rijiju On Pending Cases: कानून और न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने लंबित मामलों की संख्या बढ़ने को लेकर बयान दिया है। दरअसल लंबित मामलों की संख्या पांच करोड़ के करीब पहुंच चुकी है। ऐसे में शनिवार को रिजिजू ने कहा कि अगर कोई न्यायाधीश 50 मामलों का निपटारा करता है, तो 100 नए मामले दायर हो जाते हैं, क्योंकि लोग अब अधिक जागरुक हैं और वे विवादों के निपटारे के लिए अदालतों में पहुंच रहे हैं। रिजिजू ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में ये भी कहा कि सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के कामकाज पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार अदालतों में लंबित मामलों को कम करने के लिए टेक्नालॉजी का इस्तेमाल कर रही है।
बता दें कि इससे पहले रिजिजू ने संसद के मानसून सत्र में एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि देशभर की अदालतों में 4.83 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं। निचली अदालतों में चार करोड़ से अधिक और उच्चतम न्यायालय में 72,000 से अधिक मामले लंबित हैं।
मध्यस्थता पर प्रस्तावित कानून से मिलेगी मदद
मंत्री ने कहा कि मध्यस्थता पर प्रस्तावित कानून से अदालतों में मुकदमों की संख्या कम करने में मदद मिलेगी। भारत और अन्य देशों में लंबित मामलों की कोई तुलना नहीं की जानी चाहिए क्योंकि हमारी समस्याएं अलग हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ देश ऐसे भी हैं जिनकी आबादी पांच करोड़ भी नहीं है जबकि भारत में लंबित मामलों की संख्या पांच करोड़ के करीब है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कानून मंत्रालय जल्द न्याय देने में सशस्त्र बल न्यायाधिकरण की हर संभव मदद करेगा।