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Madhavi Raje Scindia: शादी के बाद कैसे किरण राज लक्ष्मी बनीं माधवी राजे सिंधिया, रोचक है कहानी

माधवी राजे सिंधिया का मंगलवार की सुबह निधन हो गया। नेपाल के राजपरिवार से नाता रखने वाली माधवी राजे का विवाह 1966 में माधवराव सिंधिया से हुआ था। कैसे किरण राज लक्ष्मी का नाम माधवी राज पड़ा जानें रोचक किस्सा?

Written By: Kajal Kumari @lallkajal
Updated on: May 15, 2024 17:31 IST
madhavi raje scindia- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO माधवी राजे सिंधिया

ग्वालियर घराने के लिए आज का दिन बेहद दुखभरा रहा। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का बुधवार की सुबह दिल्ली के एम्स में निधन हो गया । जानकारी के मुताबिक उनकी मौत सुबह 9.28 बजे हो गई थी। वह पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर थीं। वह निमोनिया के साथ-साथ सेप्सिस से भी पीड़ित थीं। माधवी राजे सिंधिया के निधन से राजघराने में दुख की लहर दौड़ गई। माधवी राजे सिंधिया का नाम किरण राज लक्ष्मी था और उनका नाता नेपाल के राणा राजवंश परिवार से रहा था। राणा राजवंश के प्रमुख जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री रहे हैं।

माधवी राजे सिंधिया की महाराजा माधवराज सिंधिया से शादी की कहानी भी काफी दिलचस्प रही है। नेपाल के राणा राजपरिवार से 60 के दशक में सिंधिया परिवार के लिए किरण राज लक्ष्मी के विवाह का प्रस्‍ताव बेजा गया जिसे सिंधिया परिवार ने मंजूर कर लिया और साल 1966 में करिण राज लक्ष्मी का सिंधिया राजघराने के महाराजा माधवराव सिंधिया से विवाह हुआ था। किरण राज लक्ष्मी और माधवराव का रिश्ता ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने तय किया था।

शादी के लिए चली थी स्पेशल ट्रेन

माधवराव सिंधिया और किरण राज लक्ष्मी की शादी का समारोह दिल्ली में आयोजित किया गया था जिसमें कई विदेशी मेहमान शामिल हुए थे। ग्वालियर घराने के महाराज की शादी थी तो बारात ले जाने के लिए एक विशेष ट्रेन का इंतजाम किया गया था। यह विशेष ट्रेन ग्वालियर से माधवराव सिंधिया की बारात लेकर दिल्ली पहुंची थी और शादी संपन्न होने के बाद किरण राज लक्ष्मी सिंधिया परिवार की बहू बनकर दिल्ली से ग्‍वालियर लौटी थीं, जहां बहू का भव्य स्‍वागत किया गया था और महल की ओर जाने वाले पूरे रास्ते पर फूल बिछाए गए थे।

शादी के बाद किरण राज लक्ष्मी बनीं माधवी राजे सिंधिया

विवाह से पहले माधवी राज सिंधिया का नाम किरण राज लक्ष्मी था, जिसे शादी के बाद बदला गया था और उनका नाम माधवी राजे सिंधिया रखा गया था। मराठी परंपरा के अनुसार शादी के बाद दुल्हन का नाम ससुराल में बदला जाता है और किरण राज लक्ष्मी का भी ससुराल आने के बाद नामकरण किया गया और उन्हें नया नाम दिया गया- माधवी राजे सिंधिया। शादी के बाद उन्हें महारानी कहा जाता था लेकिन महाराजा माधवराव सिंधिया के निधन के बाद उन्हें राजमाता कहा जाने लगा।

माधवी राजे सिंधिया के पति पूर्व केंद्रीय मंत्री माधव राव सिंधिया का 30 सितम्बर 2001 को यूपी के मैनपुरी के पास विमान हादसे में निधन हुआ था। उस समय उनकी उम्र महज 56 साल थी। माधवराव सिंधिया की मौत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने राजनीतिक करियर के साथ-साथ राजमहल और अपने पिता की राजनैतिक विरासत भी संभाल रहे हैं।

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