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Kerla News: लड़कों के यौन शोषण के मामले में पॉक्सो की क्या जरूरत, केरल सरकार के जेंडर न्यू्ट्रल पॉलिसी पर बोले IUML के विधायक

Kerla News: IUML के वरिष्ठ नेता एम के मुनीर ने कहा कि केरल सरकार की जेंडर न्यू्ट्रल पॉलिसी लड़कों के यौन शोषण के मामले के संदर्भ में ठीक नहीं है। इससे नाबालिग लड़कों का यौन शोषण बढ़ेगा।

Edited By: Pankaj Yadav
Published on: August 18, 2022 20:19 IST
M.K Muneer- India TV Hindi
Image Source : ANI M.K Muneer

Highlights

  • IUML के विधायक ने की विवादित टिप्पणी
  • अरबी शिक्षक संघ के संगोष्ठी में दे रहे थे भाषण

Kerla News: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के वरिष्ठ नेता एम के मुनीर ने गुरुवार को केरल सरकार की जेंडर न्यू्ट्रल पॉलिसी के खिलाफ दावा किया कि इससे नाबालिग लड़कों का यौन शोषण होगा। उन्होंने लड़कों के यौन शोषण के मामले में पॉक्सो लगाने की जरूरत पर भी सवाल उठाया। IUML के विधायक ने यह विवादित टिप्पणी केरल अरबी शिक्षक संघ (KATF) द्वारा यहां आयोजित एक संगोष्ठी के दौरान की। अपने भाषण के दौरान, मुनीर ने सवाल किया कि किसी लड़के का यौन शोषण होने पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामला क्यों शुरू किया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर जेंडर न्यू्ट्रल है, तो आपको पॉक्सो मामले की आवश्यकता क्यों है? इसलिए, जब आप जेंडर न्यू्ट्रल कहते हैं, तो आपको समाज में ऐसे कई लोगों के बारे में सोचने की ज़रूरत है जो इसका दुरुपयोग करेंगे। 

जेंडर न्यू्ट्रल पॉलिसी के तहत पॉक्सो एक्ट निष्प्रभावी हो सकता है -मुनीर

मुनीर ने कहा कि हमें यह भी विचार करने की आवश्यकता है कि कितने लड़के यौन उत्पीड़न का शिकार हो सकते हैं। जब स्कूलों में जेंडर न्यू्ट्रल पॉलिसी इतनी जल्दी लाई गई और इसे शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनाया जा रहा था, तब भी इस बारे में जागरूकता अभियान नहीं चलाया गया। बाद में, मीडिया से बात करते हुए मुनीर ने स्पष्ट किया कि उनके कहने का मतलब यह था कि उन्हें डर है कि जेंडर न्यू्ट्रल को इस तरह से परिभाषित किया जाएगा तो पॉक्सो के प्रावधान निष्प्रभावी हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पॉक्सो को निष्प्रभावी नहीं बनाया जाना चाहिए। IUML विधायक ने आगे कहा कि ऐसी दुनिया में जहां हर चीज की गलत व्याख्या की जा रही है या किसी की जरूरतों के अनुरूप व्याख्या की जा रही है, उन्हें डर है कि हर चीज को जेंडर न्यू्ट्रल की परिभाषा में लाया जाएगा। हर चीज को जेंडर न्यू्ट्रल की परिभाषा में लाकर, वास्तविक अपराधी (लड़कों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों में) पॉक्सो के प्रावधानों के दायरे से बच जाएंगे। फिर, क्या पॉक्सो कानून निष्प्रभावी नहीं हो जाएगा? यही सवाल है।

अगर लड़कियां पैंट और शर्ट पहनती हैं, तो क्या उन्हें न्याय मिल जाएगा? -एम के मुनीर

कार्यक्रम में अपने भाषण में मुनीर ने कहा कि केवल केरल में ही नहीं, बल्कि जेंडर न्यू्ट्रल का दुनिया भर में विरोध किया गया और पूछा कि क्या स्कूल की पोशाक में बदलाव से महिलाओं या लड़कियों के मुद्दों का समाधान हो जाएगा। उन्होंने भाषण में कहा, ‘‘अगर लड़कियां पैंट और शर्ट पहनती हैं, तो क्या उन्हें न्याय मिल जाएगा? क्या आप आश्वस्त कर सकते हैं कि उनका कोई शोषण या यौन उत्पीड़न नहीं होगा? मुनीर ने 31 जुलाई को एक कार्यक्रम में आरोप लगाया था कि जेंडर न्यू्ट्रल के नाम पर राज्य सरकार स्कूलों में धर्म को नकारने का प्रयास कर रही है। केरल में लगभग एक दर्जन स्कूल पहले ही जेंडर न्यू्ट्रल पॉलिसी पोशाक की नीति को अपना चुके हैं। 

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