कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई थी। नतीजे आज जारी किए जाएंगे। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस नेता और राहुल की बहन प्रियंका गांधी बढ़त बनाए हुई हैं। वहीं, कम्युनिस्ट पार्टी दूसरे स्थान पर है, जबकि बीजेपी पिछड़कर तीसरे पायदान पर है।
खबर लिखे जाने तक वायनाड से प्रियंका गांधी 48239 वोटों से आगे चल रही हैं। इस सीट से राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी। उन्होंने सीपीआई (एम) के उम्मीदवार एनी राजा को 3 लाख 64 हजार से अधिक वोटों से शिकस्त दी थी। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड के अलावा उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से भी चुनाव लड़ा था। दोनों सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद राहुल ने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला लिया और यहां से उपचुनाव में प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान में उतारा गया।
वायनाड में 16 उम्मीदवार
इस बार वायनाड में 16 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। प्रियंका पहली बार चुनावी मैदान में हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने सत्यन मोकेरी को और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने नव्या हरिदास को चुनाव मैदान में उतारा है।
क्या रहे 2024 चुनाव के नतीजे?
2024 के लोकसभा चुनाव में वायनाड लोकसभा सीट पर 73.57 प्रतिशत मतदान हुआ था। उस वक्त कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को कुल 6,47,445 वोट मिले थे, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी एनी राजा 2,83,023 वोटों पर सिमट गए थे। इसी तरह तीसरे स्थान पर रहे बीजेपी के प्रत्याशी के सुरेंद्रन को महज 141,045 वोट मिले थे।
2019 में जीते थे राहुल गांधी?
दक्षिण भारत में केरल के वायनाड लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट रही है। 2019 में राहुल गांधी अमेठी में चुनाव हारने के बाद यहां से चुनाव लड़े और जीतकर संसद पहुंचे थे। 2019 के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी ने इस सीट पर चुनाव लड़कर कुल 7,06,367 वोट हासिल किए थे। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, राहुल गांधी को कुल 64.94 फीसदी वोट मिले थे। उस वक्त दूसरे स्थान पर रहे भाकपा (मार्क्सवादी) के पीपीसुनीर को महज 2,74,597 वोट मिले थे। इस सीट पर साल 2009 और 2014 में दिवंगत कांग्रेस नेता एमआई शनावास सांसद चुने गए थे। 2018 में उनके दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बाद साल 2019 के चुनावों में राहुल गांधी ने इस सीट से नामांकन दाखिल किया था।
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