केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन से हुई त्रासदी के बाद प्रशासन के सामने नई चुनौतियां आ रही हैं। यहां रेस्क्यू ऑपरेशन आगे बढ़ने के साथ बड़ी संख्या में शव और मानव शरीर के अंग मिल रहे हैं। इनमें से कई शव ऐसे हैं, जिनकी पहचान नहीं हो सकी है या जिनके सगे-संबंधी भी इस हादसे में मारे गए। राज्य सरकार ने शवों को दफनाने के लिए डीएनए और दांतों के नमूने एकत्र करने सहित अन्य दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
भूस्खलन से प्रभावित इलाकों से मिले शवों में से अनेक की पहचान नहीं हो पाई है। आपदा प्रबंधन विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक शव या शरीर के अंग को एक पहचान संख्या दी जाएगी और इसका सभी नमूनों, तस्वीरों, वीडियो और शवों से संबंधित भौतिक वस्तुओं के रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा।
पहचान के लिए हर संभव कोशिश करेगा प्रशासन
आदेश में कहा गया कि पुलिस शवों या मानव अंगों की पहचान के लिए हर संभव प्रयास करेगी और यदि इसके बाद भी शवों की पहचान नहीं हो पाई तो वे जांच के 72 घंटे बाद शव को आगे की कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को सौंप देंगे। दो अगस्त को जारी किए गए दिशा-निर्देशों में कहा गया, ''जिला प्रशासन मेप्पाडी पंचायत और उस पंचायत या नगरपालिका को सूचित करेगा जिसमें श्मशान घाट स्थित है। ऐसे मामलों में जहां संबंधित चिकित्सक ने लिखित रूप से सलाह दी है कि सड़न या अन्य कारण से शव को तत्काल दफना दिया जाए, वहां शव को बिना किसी प्रतीक्षा के तत्काल जिला प्रशासन को सौंप दिया जाएगा।’’
दफनाए जाएंगे शव
इसमें कहा गया, ‘‘शवों को सिर्फ दफनाया ही जाएगा।’’ जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि शव दफनाने के स्थान पर पहचान संख्या को स्पष्ट रूप से दर्शाने के बाद ही इन्हें दफनाया जाए। जिला प्रशासन को यह भी निर्देश दिया गया है कि जिस भी स्थान पर शवों को दफनाया जाएगा वहां उस पंचायत या नगरपालिका के अधिकारी मौजूद रहने चाहिए। दिशा निर्देशों में कहा गया है, "जिला प्रशासन को संदर्भ के लिए दफन स्थान के विवरण का आवश्यक रिकॉर्ड रखना होगा।" ऐसे ही दिशा निर्देश उन शवों के लिए भी हैं, जिनकी पहचान तो हो गई है, लेकिन उन पर दावा नहीं किया गया है तथा जिनकी पहचान विवादित है या संदिग्ध है।
अब तक 215 शव और 143 अंग बरामद
केरल के वायनाड जिले में बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं के चार दिन बाद अब तक प्रभावित क्षेत्रों से 215 लोगों के शव और 143 मानव अंग बरामद किए जा चुके हैं। वहीं, 218 लोग अब भी लापता हैं। (इनपुट- पीटीआई भाषा)
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