Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. केरल के मंदिरों में अब नहीं लगेगी RSS की शाखा, त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड का आदेश; कांग्रेस ने किया समर्थन

केरल के मंदिरों में अब नहीं लगेगी RSS की शाखा, त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड का आदेश; कांग्रेस ने किया समर्थन

त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड दरअसल केरल के 1 हजार 248 मंदिरों का प्रबंधन देखता है। प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के सभी अनुष्ठान भी इसी बोर्ड के निर्देशन में होते हैं। अभी CPM के वरिष्ठ नेता के. अनंतगोपन इसके अध्यक्ष हैं इसलिए बोर्ड के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। आगे इस मुद्दे पर केरल में हंगामा मच सकता है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : May 24, 2023 6:44 IST, Updated : May 24, 2023 6:44 IST
RSS Shakha
Image Source : FILE PHOTO आरएसएस की शाखा

तिरुवनंतपुरम: केरल के मंदिरों में अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की शाखा लगाने पर बैन लगा दिया गया है। वहां मंदिरों का संचालन करने वाली संस्था त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड ने सर्कुलर जारी कर आदेश दिया कि मंदिरों में सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान हो। देवास्वम बोर्ड के सर्कुलर के बाद वहां की सियासत गर्मा गई है। केरल बीजेपी के नेताओं ने इसे लेफ्ट और कांग्रेस का जिहादी एजेंडा करार दिया। आरोप लगाया है कि ये मंदिरों पर कब्जे की साजिश है।

राजनीतिक गतिविधि या शाखा की इजाजत नहीं- देवास्वम बोर्ड

केरल में मंदिरों का मैनेजमेंट संभालने वाले त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने सभी मंदिरों के लिए जो सर्कुलर जारी किया है। उसमें कहा गया है कि मंदिरों में सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान ही कराए जाएं। किसी भी राजनीतिक गतिविधि या आरएसएस की शाखा की इजाजत नहीं दी जाए। सर्कुलर में ये भी कहा गया है कि आदेश का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड ने अधिकारियों को इस तरह की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाने और मुख्यालय को रिपोर्ट करने के लिए भी कहा गया है। सर्कुलर के मुताबिक अगर, इसके बाद भी मंदिरों में ऐसे आयोजन होते हैं तो आम लोग भी बोर्ड में शिकायत कर सकते हैं।

BJP ने देवास्वम बोर्ड के सर्कुलर का किया विरोध
त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड के सर्कुलर पर केरल की राजनीति गर्मा गई है। बीजेपी ने बोर्ड के आदेश पर सवाल खड़े किए हैं। बीजेपी के मुताबिक देवस्वम बोर्ड को सिर्फ मंदिरों का मैनेजमेंट देखना है। वो मंदिर या उसकी प्रॉपर्टी का मालिक नहीं है। मंदिर की प्रॉपर्टी के मालिक भगवान हैं। बीजेपी ने कहा, ''देवस्वम बोर्ड मंदिर की प्रॉपर्टी का मालिक नहीं है वो सिर्फ मैनेजमेंट देखता है वो मालिक नहीं हैं। मंदिर के जो भगवान हैं वो कानूनी तौर पर नाबालिग हैं लेकिन ये उन्हीं की प्रॉपर्टी है। आप नहीं कह सकते कि आप प्रॉपर्टी मालिक हैं कानूनी तौर पर ऐसा नहीं हो सकता है। आप अगर उनके अभिभावक हैं तो आपकी जिम्मेदारी है कि उनके हित में फैसले लें। आप मालिक नहीं हैं।''

यह भी पढ़ें-

बीजेपी नेताओं के मुताबिक त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड का सर्कुलर उस एजेंडे का हिस्सा है जो राज्य में लंबे समय से चल रहा है। उनका आरोप है कि इस एजेंडे के पीछे जिहादी ग्रुप हैं जिनके इशारे पर लेफ्ट पार्टियां और कांग्रेस खेल खेल रही हैं। बीजेपी नेता कृष्ण कुमार ने कहा, ''ये जिहादी ग्रुप का पुराना एजेंडा है। वो हमेशा कम्युनिस्ट पार्टी को इस्तेमाल करने की कोशिश करता है। अब कम्युनिस्ट पार्टी शासन में हैं और जिहादी ग्रुप उनको कंट्रोल कर रहा है। आरएसएस हमेशा इन तत्वों से मंदिरों की रक्षा करता रहा है। सबरीमला में क्या हुआ था? वहां सरकार समर्थित प्रोग्राम लागू किया गया वो महिलाओं को मंदिर में प्रवेश का मुद्दा नहीं था। दरअसल जिहादी केरल के सभी मंदिरों पर कब्जा करना चाहते हैं।''

केरल के कई सामाजिक संगठन भी बोर्ड के आदेश का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि संघ कोई राजनीतिक संगठन नहीं है बल्कि वो सिर्फ सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़ा है।

CPM नेता हैं बोर्ड के अध्यक्ष
त्रावणकोर देवास्वम बोर्ड दरअसल केरल के 1 हजार 248 मंदिरों का प्रबंधन देखता है। प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के सभी अनुष्ठान भी इसी बोर्ड के निर्देशन में होते हैं। अभी CPM के वरिष्ठ नेता के. अनंतगोपन इसके अध्यक्ष हैं इसलिए बोर्ड के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। आगे इस मुद्दे पर केरल में हंगामा मच सकता है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement