Highlights
- स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सबसे ज्यादा 680 मामले एर्नाकुलम जिले में मिले हैं।
- राज्य में 32,433 मरीज कोरोना संक्रमण का इलाज करा रहे हैं।
- 97 फीसदी पात्र आबादी को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक लगा दी गई है।
तिरुवनंतपुरम: केरल में शुक्रवार को कोरोना वायरस से 22 लोगों की मौत की पुष्टि हुई तथा संक्रमण के 3471 नए मामले सामने आए। इसके साथ हीं राज्य में कुल मामले 51,99,468 हो गए हैं तथा मृतक संख्या 44,189 पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सबसे ज्यादा 680 मामले एर्नाकुलम जिले में मिले हैं। इसके बाद कोझीकोड जिले में 354 और त्रिशूर में 263 मामले मिले हैं। विभाग ने विज्ञप्ति में बताया कि आज हुई 22 मौतों के अलावा, केंद्र के नए दिशा निर्देशों और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार मिली अपीलों के बाद 221 मौतों को कोविड के कारण हुई मृत्यु माना गया है।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि राज्य में 32,433 मरीज कोरोना संक्रमण का इलाज करा रहे हैं जिनमें महज़ 8.2 फीसदी अस्पतालों में भर्ती हैं। इस बीच 4966 और मरीज संक्रमण से उबरे हैं जिसके बाद संक्रमण मुक्त होने वाले लोगों की संख्या 51,34,010 पहुंच गई है। विभाग ने यह भी बताया कि राज्य की 97 फीसदी पात्र आबादी को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक लगा दी गई है जबकि 73.2 फीसदी आबादी का पूर्ण वैक्सीनेशन हो गया है।
इस बीच चिकित्सकों ने कहा कि लोगों को सभाओं में जाने से बचना चाहिए और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए। चिकित्सकों ने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो इस प्रकार के कोरोना वायरस की अत्यधिक संक्रामक प्रकृति को देखते हुए महामारी की स्थिति खराब हो सकती है। शहर में प्रमुख सरकारी और निजी केन्द्रों में कोविड रोगियों का इलाज करने वाले स्वास्थ्य विशेषज्ञों और चिकित्सकों ने कहा कि इस साल की शुरुआत में कोविड संक्रमण की दूसरी लहर की भयावहता देखने के बावजूद नागरिकों के एक बड़े वर्ग के बीच लापरवाही की भावना फिर से आ गई है।
Omicron वेरिएंट के मामलों में वृद्धि क्रिसमस और नए साल से पहले हुई है, ऐसे मौके पर जब लोग बड़े पैमाने पर एकत्रित होते हैं और घर पर मिलते हैं। लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल की एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया, ‘‘Omicron अत्यधिक संक्रामक है। लोगों को सबसे पहले किसी भी रूप में इकट्ठा होने से बचना चाहिए और सभी कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए जैसे कि मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना, सैनिटाइजर का उपयोग करना और बिल्कुल भी ढिलाई नहीं करना शामिल है।’’
फोर्टिस अस्पताल में पल्मोनोलॉजी की सलाहकार डॉ. ऋचा सरीन ने कहा, ‘‘या तो हमें अपने अतीत से सीखना चाहिए या फिर से उसी भयावहता का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए जैसा कि हमने कोविड की दूसरी लहर के दौरान देखा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के Omicron वेरिएंट के कारण पहली मौत ब्रिटेन में हुई है और इससे पहले कि फिर से देर हो जाए, अब कमर कस लेना बुद्धिमानी होगी।’’