Kerala News: तिरुवनंतपुरम जिले में लड़कों के एक सरकारी स्कूल में गुरुवार को लड़कियां विभिन्न वेश-भूषा में पढ़ाई के लिए आईं। लड़कों ने नई सहपाठियों का स्वागत किया। एक दिन पहले ही केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि वामपंथी सरकार बच्चों की स्कूली वर्दी के बारे में कोई फैसला नहीं कर रही है। तिरुवनंतपुरम के चला स्थित गवर्नमेंट मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल अब तक सिर्फ लड़कों के लिए ही था और 11वीं कक्षा में पहली बार लड़कियों को भी एडमिशन दिया गया है। यह स्कूल पिछले 40 वर्षों से सिर्फ लड़कों के लिए था। स्कूल में लड़कियों को भी एडमिशन की अनुमति देने के फैसले का आम-तौर पर स्वागत किया गया है।
लड़कों ने गेट पर खड़े होकर किया लड़कियों का स्वागत
कुछ लड़कियों ने मीडिया से कहा कि उन्होंने इस स्कूल में इसलिए एडमिशन लिया क्योंकि वे लड़कों के साथ पढ़ाई करना चाहती थीं। कुछ अन्य छात्राओं ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए और कहा कि उन्होंने अपनी इच्छा से यहां एडमिशन लिया है। एक छात्रा के अभिभावक ने मीडिया से कहा कि उनकी बेटी ने स्कूल में लड़कों के साथ पढ़ने की इच्छा व्यक्त की थी और इसलिए उन्होंने उसे यहां एडमिशन कराया। लड़कों ने गेट से अंदर आ रही लड़कियों का खड़े होकर स्वागत किया।
शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने दिया यह बयान
इस बीच, आईयूएमएल विधायक एम.के. मुनीर ने यह कहकर राज्य सरकार पर हमला बोला। वह वाम सरकार की लैंगिक तटस्थता नीति के मुखर आलोचक हैं। मुनीर ने कोझिकोड में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लैंगिक भेदभाव को दूर किया जाना चाहिए और उसके बाद लैंगिक संवेदनशीलता और लैंगिक न्याय होना चाहिए। शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने राज्य की राजधानी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार ने कभी नहीं कहा कि वह अनिवार्य रूप से या जबरन लड़के और लड़कियों को एक साथ पढ़ाएगी। उन्होंने कहा, "केरल के मुख्यमंत्री ने कल विधानसभा में स्पष्ट किया था कि सरकार किसी पर भी मिश्रित स्कूल या लिंग निरपेक्ष ड्रेस नहीं थोपने जा रही है।"