Highlights
- केरल में अब बंद होंगे छात्र-छात्राओं के अलग-अलग स्कूल
- एक साथ बैठकर पढ़ेंगें लड़के-लड़कियां
- केरल की बाल अधिकार समिति ने राज्य के सभी स्कूलों को दिए आदेश
Kerala News: केरल की बाल अधिकार समिति ने राज्य के सभी स्कूलों को आदेश दिए हैं कि अगले शैक्षणिक वर्ष से राज्य में छात्र-छात्राओं के अलग-अलग एक भी स्कूल नहीं होंगे। बल्कि राज्य के सभी स्कूल को-एड होंगे। को-एड मतलब, जहां छात्र-छात्राएं एक साथ पढ़ते हैं। अपने ऐतिहासिक आदेश में केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से केरल में केवल को-एड शिक्षण संस्थान ही होने चाहिए।
समिति ने एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका के आधार पर प्रमुख सचिव (सामान्य शिक्षा), सार्वजनिक शिक्षा निदेशकों और राज्य शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) को इस संबंध में एक कार्य योजना पेश करने का आदेश दिया है। आदेशानुसार, इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट आयोग के सामने 90 दिनों के भीतर प्रस्तुत करनी होगी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केरल में केवल लड़कियों के 280 विद्यालय और केवल लड़कों के 164 विद्यालय हैं।
केरल प्रोग्रेसिव समाज का खाका खींच रहा है
बीते दिनों केरल में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने ‘मॉरल पुलिसिंग’ के जवाब में एक दूसरे की गोद में बैठकर फोटो खिंचवाईं और उन्हें सोशल मीडिया पर डाला। कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम (CET) के स्टूडेंट्स द्वारा सोशल मीडिया पर तस्वीरें डाले जाने के बाद तिरुवनंतपुरम की मेयर आर्या एस राजेंद्रन ने इलाके का दौरा किया। मेयर ने गुरुवार को बस स्टॉप पर बैठने की लैंगिक रूप से न्यूट्रल सिस्टम करने का वादा किया है। इससे पहले लड़के-लड़कियों को साथ बैठने से रोकने के लिए कथित नैतिकता के नाम पर बस स्टॉप पर बेंच को तीन अलग अलग सीटों में बांटा गया था।
दौरा करने के बाद मेयर ने फेसबुक पर लिखा कि जिस तरह बेंच को काटकर तीन सीटों में बांट दिया गया, वह केरल जैसे प्रोग्रेसिव समाज में न केवल ‘अनुपयुक्त’ है बल्कि ‘अशोभनीय’ भी है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में लड़के-लड़कियों के साथ बैठने पर कोई रोक नहीं है और जो अब भी मानते हैं कि इस पर रोक होनी चाहिए, वे अब भी पुराने जमाने में जी रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी व्यक्ति ऐसे लोगों से केवल सहानुभूति रख सकता है जो अब भी नहीं समझते हैं कि समय बदल गया है।’’
नगर निगम नई लैंगिक न्यूट्रल सुविधा का निर्माण कराएगा
सीईटी के स्टूडेंट्स के रूख की सराहना करते हुए राजेंद्रन ने कहा कि प्रतिक्रिया देने वाली पीढ़ी भविष्य की आस है और स्थानीय प्रशासन इस मामले में स्टूडेंट्स के साथ है। उन्होंने कहा कि बस स्टैंड जर्जर व अनधिकृत था और लोक निर्माण विभाग से उसे अनापत्ति भी नहीं मिली है, इसलिए नगर निगम आधुनिक सुविधाओं से युक्त नई लैंगिक न्यूट्रल सुविधा का निर्माण कराएगा। माकपा की युवा शाखा DYFI ने यह कहते हुए इस घटना पर प्रतिक्रिया दी कि जो पुरानी धारणा वाली तथाकथित नैतिक व्यवस्था थोपने का प्रयास करते हैं और लैंगिक न्याय में विश्वास नहीं करते, वे समाज के लिए खतरा हैं। डीवाईएफआई सचिवालय ने एक बयान में कहा कि ऐसे लोगों को यह समझने की जरूरत है कि दुनिया बदल रही है।