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Kerala News: होर्डिंग और बैनर को लेकर 'भारत जोड़ो यात्रा' की केरल हाई कोर्ट ने की कड़ी निंदा, जानिए अदालत ने क्या कुछ कहा

Kerala News: केरल हाई कोर्ट ने सड़क के किनारे होर्डिंग एवं बैनर लगाने के लिए कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की कड़ी निंदा की और कहा है कि पुलिस समेत सरकारी विभागों ने इन्हें लेकर आंखें मूंद ली हैं।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published : Sep 23, 2022 16:48 IST, Updated : Sep 23, 2022 16:54 IST
Kerala High Court(File Photo)
Image Source : PTI Kerala High Court(File Photo)

Kerala News: कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान सड़क किनारे होर्डिंग और बैनर लगाने के लिए केरल हाई कोर्ट ने कड़ी निंदा की है। अदालत ने कहा है कि पुलिस सहित सभा सरकारी विभागों ने इन्हें लेकर आंखे मूंद ली हैं। न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने गुरुवार शाम को जारी एक आदेश में कहा कि यह त्रासदीपूर्ण है कि अदालत और सक्षम प्राधिकारियों के आदेशों का उन लोगों एवं संस्थाओं ने ‘‘कतई सम्मान नहीं किया, जिन पर इस देश के भविष्य की जिम्मेदारी है।’’ न्यायमित्र हरीश वासुदेवन ने इस मामले में तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। उन्होंने तस्वीरों के साथ एक रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें बताया गया था कि एक विशेष राजनीतिक दल ने केरल में रैली निकालते समय बड़ी संख्या में बोर्ड, बैनर, झंडे और इस प्रकार की अन्य सामग्री अवैध तरीके से लगाई। 

अदालत ने इनसे मांगा जवाब

अदालत ने कांग्रेस या ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का नाम लिए बगैर अपने आदेश में कहा, ‘‘त्रिवेंद्रम से त्रिशूर और इससे भी आगे राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों ओर एक विशेष राजनीतिक दल द्वारा अवैध तरीके से (होर्डिंग एवं बैनर) सामग्रियां लगाई गई हैं और पुलिस प्राधिकारी एवं अन्य प्राधिकारी इनके बारे में पूरी तरह अवगत हैं, लेकिन उन्होंने इसे लेकर आंखें मूंद लेने का फैसला किया।’’ अदालत ने स्थानीय स्वशासन विभाग के प्रधान सचिव और राज्य पुलिस प्रमुख को इस बारे में जवाब देने को कहा कि ये ‘‘अवैध सामग्रियां कैसे लगाई गईं और इन्हें हटाया क्यों नहीं गया।’’ 

वाहन चालकों के लिए बड़ा खतरा

अदालत ने कहा, ‘‘जब उपरोक्त प्रतिवादी जवाब देंगे, तो वे इस अदालत के पहले के निर्देशों का भी विशेष रूप से जिक्र करेंगे कि किसी विज्ञापन एजेंसी/प्रकाशक द्वारा उसका नाम या पता लिखे बिना लगाया गया हर बोर्ड अवैध है और उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।’’ उसने सवाल किया कि उसे अधिकारियों को बार-बार यह याद क्यों दिलाना पड़ता है कि इस अदालत के विशिष्ट निर्देशों के अलावा, राज्य सरकार ने भी परिपत्र जारी किए हैं और सड़क सुरक्षा प्रधिकरण ने भी इस प्रकार के कदमों पर प्रतिबंध लगाते हुए विशेष अधिसूचनाएं जारी की हैं। अदालत ने कहा, ‘‘इस प्रकार की अवैध सामग्री वाहन चालकों के लिए बड़ा खतरा पैदा करती हैं, क्योंकि इससे राजमार्ग पर वाहन चलाते समय उनका ध्यान भटकेगा और इसके अलावा इनमें से कुछ होर्डिंग के ढीले होकर गिरने के कारण खास तौर पर दो पहिया वाहन चालकों के लिए समस्या पैदा हो सकती है, जैसा कि देश के अन्य हिस्सों में पहले देखा गया है।’’ 

दुर्घटनाओं की आशंका को नहीं कर सकते नजरअंदाज

न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने कहा कि इन सामग्रियों का निपटान भी एक समस्या है और स्थानीय स्वशासन संस्थाएं एवं अन्य सक्षम प्राधिकारी इनके कारण पैदा होने वाले अपशिष्ट का निपटान नहीं कर पा रहे। अदालत ने कहा, ‘‘यह अदालत इस बात से हैरान है कि प्राधिकारी इस प्रकार की समस्याओं से अवगत क्यों नहीं हैं, खासकर तब, जब हमारी सरकार जलवायु या मौसम को हल्के में नहीं ले सकती। दरअसल हरीश वासुदेवन ने कहा है कि जिन जगहों पर इस प्रकार की अवैध सामग्री लगाई गई हैं, उनमें से कई जगह पर भारी बारिश हो रही है और इसके कारण घातक दुर्घटनाएं होने की आशंका को निश्चित ही नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’’ 

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