भारत समेत दुनिया के मात्र कुछ ही देश होंगे जहां पर कोर्ट की कार्रवाई आज भी ज्यादातर कागजी होते हैं। अदालत में फैसला गवाहों और सबूतों के आधार पर होता है। लेकिन कई बार सबूत की कमी के कारण आरोपियों और अपराधियों को कोर्ट द्वारा रिहा कर दिया जाता है। केरल के तिरुवनंतपुरम में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां कोर्ट में कुछ ऐसा हुआ है कि सबूतों का अब अभाव देखने को मिल रहा है। यहां के एक कोर्ट में कुछ ऐसा हुआ है जिसके बाद ऐसी संभावना बन रही है कि आरोपी की रिहाई हो सकती है। दरअसल तिरुवनंतपुरम में कोर्ट परिसर के अंदर ही एक कमरे में आरोपी से संबंधित रखे गए सबूत को चूहे खा गए हैं। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद से सभी लोग हैरान हैं।
दरअसल पूरा मामला तुरुवनंतपुरम का है। यहां साल 2016 में एक व्यक्ति पर गांजा रखने को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद पुलिस द्वारा आरोपी को हिरासत में लेकर केस की सुनवाई कोर्ट में शुरू की गई। इसके बाद आरोपी के पास से जब्त 125 ग्राम गांजे को भी जब्त किया गया। जब्त किए गए गांजे में से 100 ग्राम गांजा जांच के लिए लैब भेजा गया। वहीं 25 ग्राम गांजे को सबूत के नाम पर तिरुवनंतपुरम मिजिस्ट्रेट कोर्ट में स्थित एक कमरे में रखा गया था।
गांजा खा गए चूहे
लेकिन मामले का ट्रायल जैसे ही कोर्ट में शुरू होता है तो पाया जाता है कि कोर्ट से गांजे के सबूत गायब हैं। जब जज द्वारा यह पूछा गया कि सबूत के तौर पर रखा गया गांजा कहां गया और ऐसा कैसे हुआ। इस दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा यह कहा गया कि हो सकता है कि कोर्ट परिसर के अंदर मौजूद चूहों ने गांजा खा लिया हो। अब अहम मुद्दा यह है कि अगर चूहों ने गांजे को खा लिया होगा तो जाहिर है कि आरोपी सबूतों के अभाव में छूट सकता है। क्योंकि पर्याप्त सबूत न होने के कारण केस के कमजोर होने की संभावना है। इस मामले के सामने आने के बाद से सभी लोग हैरान हैं।
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