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Kerala High Court: केरल हाईकोर्ट ने कहा—'PFI और SDPI चरमपंथी संगठन, हिंसक गतिविधियों में शामिल फिर भी प्रतिबंधित नहीं'

 न्यायमूर्ति के हरिपाल ने हाल के एक आदेश में कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसडीपीआई और पीएफआई चरमपंथी संगठन हैं जो हिंसा के गंभीर कृत्यों में लिप्त हैं। फिर भी वे प्रतिबंधित संगठन नहीं हैं।'

Edited by: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: May 14, 2022 10:34 IST
Kerala High Court- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Kerala High Court

Kerala High Court: केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) 'चरमपंथी संगठन' थे, लेकिन प्रतिबंधित नहीं। न्यायमूर्ति के हरिपाल ने हाल के एक आदेश में कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसडीपीआई और पीएफआई चरमपंथी संगठन हैं जो हिंसा के गंभीर कृत्यों में लिप्त हैं। फिर भी वे प्रतिबंधित संगठन नहीं हैं।' इसके साथ ही उन्होंने राज्य के पलक्कड जिले में पिछले साल नवंबर में हुई एक आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के मामलों में सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। 

एसडीपीआई 2009 में स्थापित एक राजनीतिक दल है। यह इस्लामी संगठन पीएफआई की राजनीतिक शाखा है। संगठन के खिलाफ अदालत की प्रतिकूल टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए एसडीपीआई ने कहा कि वह उन टिप्पणियों को हटाने के लिए एक याचिका दायर करेगी।

एसडीपीआई के केरल के अध्यक्ष मुवत्तुपुझा अशरफ मौलवी ने शुक्रवार को कहा, 'यह एक बेहद गंभीर प्रतिक्रिया है। एसडीपीआई के खिलाफ अब तक एक भी जांच एजेंसी ने ऐसी टिप्पणी नहीं की है। किस आधार पर अदालत ने इस तरह की टिप्पणी की? अदालत की टिप्पणियां उचित होनी चाहिए। यहां ऐसा नहीं हुआ।' पीएफआई ने भी उसके खिलाफ अदालत की टिप्पणियों को अनुचित करार दिया है।

पीएफआई नेता सीए रउफ ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि अदालत ने ऐसी प्रतिकूल टिप्पणी करने से पहले उनका पक्ष नहीं जाना। उन्होंने कहा कि इन टिप्पणियों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर पीएफआई कानूनी रास्ता अपनाने पर विचार कर रही है।

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