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केरल हाई कोर्ट ने कहा, कुरान यह नहीं कहता कि हर नुक्कड़ पर मस्जिद की जरूरत है

केरल हाई कोर्ट ने कहा कि पवित्र कुरान के मुताबिक यह जरूरी नहीं है कि हर नुक्कड़ पर एक मस्जिद हो।

Reported By : IANS Edited By : Vineet Kumar Published : Aug 26, 2022 22:43 IST, Updated : Aug 26, 2022 22:43 IST
Kerala High Court, Kerala High Court on Mosques, Kerala High Court Statement On Mosques
Image Source : PTI FILE Kerala High Court.

Highlights

  • अदालत ने कहा कि हर नुक्कड़ पर मस्जिद बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
  • कोर्ट ने कहा कि अधिकांश नागरिकों के पास मस्जिद तक पहुंचने के साधन हैं।
  • याचिकाकर्ता के आसपास के इलाके में कुल 36 मस्जिदें पहले से मौजूद थीं।

कोच्चि: केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कई मस्जिदों वाले राज्य के एक इलाके में एक और मस्जिद बनाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने यह देखते हुए कि राज्य में पहले से ही बड़ी संख्या में धार्मिक संरचनाएं हैं, और जनसंख्या के अनुपात के हिसाब से भी इनकी संख्या बहुत अधिक है, एक और मस्जिद के निर्माण की अनुमति नहीं दी। जस्टिस पी. वी. कुन्हीकृष्णन ने कहा कि केरल, जिसे 'ईश्वर का अपना देश' कहा जाता है, धार्मिक स्थलों से भरा हुआ है।

‘और धार्मिक स्थान बनाने की इजाजत नहीं दे सकते’

उन्होंने कहा, ‘केरल की खूबसूरत भौगोलिक स्थिति के कारण, इसे 'ईश्वर का अपना देश' कहा जाता है। लेकिन अब यहां काफी धार्मिक स्थल और प्रार्थना कक्ष (प्रेयर हॉल) बन चुके हैं और हम दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों को छोड़कर किसी भी नए धार्मिक स्थान और प्रार्थना हॉल की इजाजत देने की हालत में नहीं हैं।’ अदालत ने कहा कि भले ही मुस्लिम समुदाय के लिए मस्जिदें जरूरी हैं, लेकिन पवित्र कुरान के मुताबिक यह जरूरी नहीं है कि हर नुक्कड़ पर एक मस्जिद हो।

‘मुसलमान पास की दूसरी मस्जिदों में जा सकते हैं’
अदालत ने कहा, ‘पवित्र कुरान की आयतें मुस्लिम समुदाय के लिए मस्जिद के महत्व को स्पष्ट रूप से उजागर करती हैं। लेकिन पवित्र कुरान की आयतों में यह नहीं कहा गया है कि हर नुक्कड़ और कोने में एक मस्जिद जरूरी है। 'हदीस' या पवित्र कुरान में यह नहीं कहा गया है कि मस्जिद हर मुसलमान के घर के बगल में होनी चाहिए।’ इस केस में चूंकि 36 मस्जिदें आसपास के इलाके में मौजूद थीं, इसलिए अदालत ने कहा कि उस इलाके में दूसरी मस्जिद की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मुलमान दूसरी मस्जिदों में जा सकते हैं।

‘लगभग सभी के पास मस्जिद तक पहुंचने के साधन हैं’
अदालत ने खासकर इस तथ्य पर विचार करते हुए यह बात कही कि अधिकांश नागरिकों के पास मस्जिद तक पहुंचने के साधन हैं। अदालत ने कहा, ‘यह सच है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 26 (ए) में कहा गया है कि सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और स्वास्थ्य के अधीन, प्रत्येक धार्मिक संप्रदाय या उसके किसी भी वर्ग को धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्थान स्थापित करने और बनाए रखने का अधिकार होगा। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि वे देश के कोने-कोने में धार्मिक स्थलों का निर्माण कर सकते हैं। केरल एक बहुत छोटा राज्य है।’

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