Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. केरल में मोहम्मद शफी ने 'श्रीदेवी' बन किया बड़ा कांड, पति-पत्नी का 'ब्रेनवॉश' कर 2 महिलाओं के साथ वो किया जो आप सोच भी नहीं सकते

केरल में मोहम्मद शफी ने 'श्रीदेवी' बन किया बड़ा कांड, पति-पत्नी का 'ब्रेनवॉश' कर 2 महिलाओं के साथ वो किया जो आप सोच भी नहीं सकते

Kerala Human Sacrifice: केरल में दो महिलाओं की मानव बलि और काला जादू के नाम पर बेरहमी से हत्या की गई है। इस कांड को मोहम्मद शफी नाम के शख्स ने अंजाम दिया।

Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: October 13, 2022 12:38 IST
Kerala Human Sacrifice Case- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Kerala Human Sacrifice Case

Highlights

  • केरल में काला जादू की खौफनाक कहानी
  • दो महिलाओं की बेरहमी से की गई हत्या
  • मोहम्मद शफी ने श्रीदेवी बन किया कांड

Kerala Human Sacrifice: केरल में हुई एक घटना इस समय पूरे देश में सुर्खियों में बनी हुई है। जिसके बाद से लोगों में एक तरह का डर उत्पन्न हो गया है। मामला ऐसा है, जिसके बारे में जानकर किसी के भी रौंगटे खड़े हो जाएं। लेकिन सभी के लिए इस बारे में जान लेना काफी जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी तरह की घटना से बचा जा सके। इस खौफनाक कहानी की शुरुआत फेसबुक से हुई थी। करीब दो साल तक पत्तनंतिट्टा का रहने वाला 60 साल का भगवल सिंह घंटों ऑनलाइन रहकर "श्रीदेवी" नाम के अकाउंट के साथ चैटिंग करता था। वह पेशे से पारंपरिक चिकित्सक था। ये बातचीत धीरे-धीरे आगे बढ़ती रही। सिंह ने कहा कि वह जिस "श्रीदेवी" नाम की महिला से बात करता है, उसे अपनी 'देवी' मानता है।

सिंह इस बात से अंजान था कि "श्रीदेवी" नाम की इस प्रोफाइल को एक 52 साल का अपराधी चला रहा है। जिसका नाम मोहम्मद शफी है। उसने 15 साल में कम से कम 8 अपराध किए हैं, जिनमें हत्या की कोशिश से लेकर रेप करना तक शामिल है। जैसे-जैसे बातचीत आगे बढ़ी शफी, सिंह और उसकी 52 साल की पत्नी लैला को ये मनवाने में कामयाब रहा कि अगर वह अमीर बनना चाहते हैं, तो उन्हें किसी इंसान की बलि देनी होगी। शफी ने ही इस दंपति का कथित तौर पर ब्रेनवॉश कर इनसे दो महिलाओं की हत्या करवा दी। ये कत्ल चार महीने के अंतराल पर किए गए। 

पीड़िताओं के साथ क्या किया?

पीड़िताओं को प्रातड़ित किया गया, उनका सिर धड़ से अलग किया, उनके शरीर के कई टुकड़े किए गए, फिर उन्हें खाया गया और आखिर में बचे हिस्सों को दंपति के ही घर के गार्डन में दफन कर दिया गया। इस हफ्ते जब केरल पुलिस ने शफी, सिंह और लैला को हत्या, आपराधिक साजिश, अपहरण और सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया, तो जो कहानी सामने आई वह क्रूर, हिंसक, लालच, भोलेपन और ऐसे अपराधों की मिली, जो शायद ही भारत में कहीं हुई हो। इन हत्याओं का खुलासा एक लंबी चौड़ी जांच के बाद बीते महीने हुआ था।

26 सितंबर को कोच्चि के बाहरी इलाके के पोन्नुरुन्नी गांव की रहने वाली 52 साल की पदमा अचानक लापता हो गईं। अगले दिन उनके परिवार ने कदवंतरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। दो दिन बाद भी पदमा का कुछ पता नहीं चला, तो चिंतित परिवार ने कोच्चि के पुलिस कमिश्नर सीएच नागाराजू से मुलाकात की। उन्होंने फिर स्थानीय पुलिस को मामले की गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिया। पुलिस की टीम को जल्द ही सफलता मिली। पदमा के घर के बाहर लगे सीसीटीवी में वह एक सफेद रंग की महिंद्रा स्कॉर्पियो गाड़ी में बैठती हुई नजर आईं, जिसका पीछा शफी कर रहा था। 

कैसे पुलिस को मिली सफलता?

पदमा एक लॉटरी विक्रेता के तौर पर काम करती थीं और इस काम में लगे अन्य लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि उन्होंने (पदमा ने) उन्हें बताया था कि उन्हें पत्तनंतिट्टा में एक बागान मालिक से मिलने जाना है। जिस दिन पदमा गायब हुईं, उसी दिन के कॉल रिकॉर्ड भी खंगाले गए। पता चला कि उन्होंने उस दिन फोन में सेव एक नंबर पर कई बार बात की थी, जिसे उन्होंने "रशीद" के नाम से सेव किया था। लेकिन नंबर की ट्रेसिंग कर पर पता चला कि वह शख्स मोहम्मद शफी है।  

नागाराजू ने बताया, 'विजुएल्स ने हमें मामले को सुलझाने में मदद की, इसके बाद फोन के कॉल रिकॉर्ड भी काम आए। नंबर पर आखिरी कॉल भी पत्तनंतिट्टा के एक इलाके का था। अगले दो हफ्तों तक हमने सभी सबूतों की पुष्टि की।' 8 अक्टूबर को पुलिस आरोपी भगवल सिंह के पड़ोसी जोस थॉमस तक पहुंची, जिसके घर में सीसीटीवी कैमरे लगे थे। उनकी फुटेज में भी सफेट रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी दिखाई दी। गाड़ी से एक दाढ़ी वाला आदमी पदमा के साथ उतरा। ये लोग 26 सितंबर की देर शाम सिंह के घर पहुंचे थे। पुलिस ने फिर शफी को हिरासत में ले लिया और फिर अगले दिन सिंह और उसकी पत्नी लैला भी पकड़े गए।  

इसके बाद सबसे भयानक कहानी का हुआ खुलासा-

पहली पीड़िता- अप्रैल 2022 की बात है। श्रीदेवी नाम के फेसबुक अकाउंट, जिसे असल में शफी चला था... उससे एक विज्ञापन पोस्ट किया गया। जिसमें लोगों को अमीर बनाने के लिए विशेष तरह के अनुष्ठान कराने की बात कही गई। ठीक इसी तरह का विज्ञापन स्थानीय वर्नाकुलर अखबार में छपवाया गया, दोनों ही जगह संपर्क करने के लिए एक फोन नंबर दिया गया। अब चूंकी सिंह और उसकी पत्नी पहले से ही "श्रीदेवी" को जानते थे, तो उन्होंने इस नंबर पर फोन लगाया और कहा कि वह ऑफर का लाभ उठाना चाहते हैं। जून महीने में दंपति और शफी के बीच मीटिंग हुई। जिसने खुद को रशीद बताया, जो श्रीदेवी का फॉलोवर है। 

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'उसने (शफी) जैसे तैसे करके दोनों (भगवल सिंह और लैला) को राजी कर लिया, इनके बीच कई मीटिंग हुईं, उसने कहा कि अमीर बनना है तो इंसान की बलि देनी होगी। जांच के प्रारंभिक चरण में ही पता चला कि इसके लिए दंपति ने 1.5 लाख रुपये दिए थे।' 

खौफनाक कहानी में आगे क्या होता है, अब ये जान लेते हैं...

6 जून को शफी ने लॉटरी्री विक्रेता रोस्लिन से संपर्क किया। जिनकी उम्र 50 साल के करीब थी। वह कोट्टायम जिले में रहती थीं और मूल रूप से इडुक्की की थीं। वह अतीत में आयुर्वेदिक कंपनी में सेल्सवुमन के तौर पर काम करती थीं। लेकिन बीते कुछ वर्षों से लॉटरी्री बेचने का काम शुरू कर दिया था। रोस्लिन तलाकशुदा और दो बच्चों की मां थीं। वह खुद से काफी साल छोटे सजीश के साथ रहती थीं। एर्नाकुलम मजिस्ट्रेट कोर्ट को सौंपी गई पुलिस की रिमांड रिपोर्ट में पता चला कि शफी ने रोस्लिन को फिल्म में काम करने के बाद 10 लाख रुपये का "लालच" दिया। वह मान गईं और उन्हें सिंह और लैला के घर ले जाया गया। 

पुलिस ने बताया कि रोस्लिन के यहां पहुंचते ही तीनों (सिंह, लैला और शफी) उनपर हावी हो गए। रिमांड रिपोर्ट में लिखा है, 'इन्होंने एक खाट (पलंग) से रोस्लिन के हाथ और पैर बांधे और उनके मुंह में एक कपड़ा ठूंस दिया। वह उस वक्त होश में ही थीं, जब लैला ने उनकी योनी (गुप्तांग) में चाकू घुसा दिया और उनका गला काट दिया। फिर दूसरे आरोपी भगवल सिंह ने रोस्लिन के स्तन काटे। तीसरे आरोपी शफी ने रोस्लिन की हत्या की। तीनों ने मिलकर पीड़िता के शवों के छोटे टुकड़े कर दिए और उन्हें एक गड्ढे में दफना दिया।'

रोस्लिन सजीश से कहकर गई थीं कि वह अपनी एक बेटी से मिलने जा रही हैं, जो उत्तर प्रदेश के एक स्कूल में टीचर है। करीब दो महीने तक सजीश को लगता रहा कि वह अपनी बेटी के पास हैं। फिर 17 अगस्त को रोस्लिन की बेटी केरल आई और कलाडी पुलिस स्टेशन में अपनी मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। लेकिन मामले में कोई प्रगति नहीं हुई।

दूसरी पीड़िता- सितंबर में सिंह ने खुद को रशीद बताने वाले शफी से शिकायत करना शुरू किया। कई बार शिकायत ऑनलाइन श्रीदेवी से की जाती, यानी वो अकाउंट जिसे शफी ही चला रहा था। शिकायत ये थी कि बलि का असर नहीं हो रहा और आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हुई है। शफी ने सिंह से कहा कि चूंकी इंसान की पहली बलि 'प्रभावी नहीं' थी और परिवार पर अभिशाप है। इसलिए एक और बलि दिए जाने की जरूरत है। शफी ने दूसरी पीड़िता को भी पहले वाले तरीके से ही फंसाया और लालच दिया।

शफी ने रोस्लिन की तरह ही पदमा को निशाना बनाया, जो कोच्चि में लॉटरी के टिकट बेचती थीं। वह मूल रूस से तमिलनाडु के धरमपुरी की रहने वाली थीं। पदमा कोच्चि में अकेले रहती थीं और दो दशक पहले यहां आई थीं। उनके बेटे सेलवाराजन तमिलनाडु में रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी मां छह साल से लॉटरी बेच रही थीं। पुलिस ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में कहा कि 26 सितंबर को शफी ने किसी काम के बदले पदमा को 15 हजार रुपये देने का लालच दिया। वह मान गईं और शफी के साथ पत्तनंतिट्टा आ गईं। 

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, 'एक बार सिंह के घर पहुंचते ही तीनों आरोपियों ने पदमा को बेहोश करने के लिए प्लास्टिक की रस्सी से उनका गला दबा दिया। शफी ने पदमा की योनि में चाकू घुसाया और फिर उनका गला काट दिया। इसके बाद उनके शरीर के 56 टुकड़े किए गए, उन्हें बालटियों में डाला गया और फिर गड्ढे में दफना दिया गया।' मंगलवार को एक मंजिला मकान के बगीचे में लगे हरे पत्तों के नीचे से दोनों के शव निकाले गए। पदमा के शव के टुकड़े तीन अलग गड्ढों में मिले और रोस्लिन के एक ही गड्ढे में। 

लेकिन ये खौफनाक कहानी यहीं खत्म नहीं होती...

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि लैला ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसने, उसके पति और शफी ने दोनों महिलाओं के शवों के कुछ टुकड़ों को पकाकर खाया। मानव मांस खाए जाने से जुड़ा सवाल पूछे जाने पर नागाराजू ने कहा, 'हमें पूछताछ के दौरान एक आरोपी ने इस बारे में बताया है लेकिन हम इस एंगल की वैज्ञानिक रूप से जांच करेंगे।'

आरोपी- वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शफी की जांच करने पर पता चला कि उसके खिलाफ बीते 15 सालों में केरल में 10 मामले दर्ज हुए हैं। जिनमें बलात्कार, अतिचार, चोरी, शराब पीकर गाड़ी चलाना और धोखाधड़ी शामिल हैं। इनमें से तीन मामलों में शफी जमानत पर बाहर था और एक अन्य मामले में उसे "फरार" घोषित किया गया था। 

6 अगस्त 2020 को शफी को कोलेनचेरी में एक 75 वर्षीय महिला के साथ कथित बलात्कार और हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जहां उसने पीड़िता पर चाकू से हमला भी किया। नागाराजू ने कहा, “इस मामले में भी पीड़िता पर चाकुओं से हमला किया गया था।” अधिकारियों ने कहा कि शफी पर कई मामले दर्ज थे, इसलिए वह हर साल अपनी लोकेशन बदल देता था और अकसर कोच्चि और आसपास के क्षेत्रों में प्रवासी शिविरों में रहता था, जहां कम दस्तावेज की आवश्यकता होती थी। अगस्त 2021 में बलात्कार के मामले में जमानत पर रिहा होने से पहले उसने एक साल जेल में बिताया और एर्नाकुलम के पास पेरुंबवूर में चला गया। फिर छह महीने पहले वह कोच्चि के गांधीनगर में शिफ्ट हो गया।

शफी शादीशुदा है और उसकी दो बेटियां हैं- बड़ी बेटी की पांच साल पहले शादी हुई थी, दूसरी काम की तलाश में है। उसकी पत्नी नबीजा ने कहा, "मैं यह नहीं कहूंगी कि वह एक अच्छा या बुरा आदमी है। पुलिस हर बात की जांच करे। अगर वह दोषी पाया जाता है, तो उसे उचित सजा दी जानी चाहिए।”

वहीं दूसरी तरफ कोच्चि से 117 किमी दूर पत्तनंतिट्टा के एलंथूर गांव में सिंह के पड़ोसियों का कहना है कि वे सदमे की स्थिति में हैं। ये परिवार कम से कम दो पीढ़ियों से "उपचार" करने का काम कर रहा था और सिंह को काफी शांत और विनम्र इंसान के रूप में जाना जाता था। एलंथूर पंचायत अध्यक्ष, मर्सी मैथ्यू ने कहा, "हमारे लिए विश्वास करना मुश्किल है। वह पैसे वाले नहीं थे और अकसर अपने मरीजों का मुफ्त में इलाज करते थे।” स्थानीय लोगों ने कहा कि सिंह की पहले भी शादी हो चुकी थी, लेकिन 10 साल पहले अपनी पहली पत्नी को उसने तलाक दे दिया और लैला से शादी कर ली। पहली शादी से उसके दो बच्चे हैं, दोनों विदेश में रहते हैं। 

एलंथूर निवासी गोपन के ने कहा, "उसका घर जमीन के एक बड़े भूखंड पर स्थित है और लोग फ्रैक्चर, चोट और ऐसी अन्य बीमारियों के इलाज के लिए यहां आते थे।" सोशल मीडिया पर सक्रिय सिंह के फेसबुक पेज में दावा किया गया है कि उसने कोलेनचेरी के सेंट थॉमस कॉलेज में और एलंथूर के सरकारी हाई स्कूल में अर्थशास्त्र का अध्ययन किया है। उसके पेज पर 3 मई, 2021 को एक पोस्ट था, जिसमें CPI(M) सरकार को विधानसभा चुनाव में जीत की बधाई दी गई थी। उसके पेज पर हाइकु (जापानी कविता) के पोस्ट भरे पड़े थे। 

लेकिन पुलिस के अनुसार, सिंह को बुधवार तक यह नहीं पता था कि शफी श्रीदेवी बनकर उससे बात कर रहा था- जिसे वो देवी मानता था। जिसने उसका ब्रेनवॉश किया था। डीसीपी शशिधरन नायर ने कहा, “जब तीनों हिरासत में थे, तभी सिंह को पहली बार पता चला कि उनकी “देवी” कोई और नहीं बल्कि मोहम्मद शफी है। जब उसने सुना, तो वह बेसुध हो गया।”

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement