Highlights
- केरल हाईकोर्ट ने दिया दोषियों को दंडित करने का आदेश
- बच्चे द्वारा लगाए नारे दोहरा रहे थे, इसलिए हुई गिरफ्तारी
- 21 मई को केरल के अलप्पुझा में हुई थी पीएफआई की रैली
Kerala: केरल हाई कोर्ट ने अलपुझा में 21 मई को पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) की रैली में दस साल के बच्चे द्वारा भड़काऊ नारे लगाए जाने को गंभीरता से लिया है। हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को बच्चे से नारे लगवाने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का आदेश दिया। आदेश के बाद इस मामले में 18 और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। केरल पुलिस ने कहा कि ये वे लोग थे जो बच्चे द्वारा लगाए गए नारे दोहरा रहे थे। दो लोगों को पहले गिरफ्तार किया गया था।
केरल उच्च न्यायालय ने पुलिस को अलपूझा में 21 मई की रैली के संबंध में कथित भड़काऊ नारेबाजी के संबंध में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। वहीं नाबालिग लड़के को कंधे पर उठाकर ले जाने वाला एराट्टुपेट्टा निवासी अनस इस मामले में गिरफ्तार होने वाला पहला व्यक्ति था।
वीडियो वायरल होने के बाद हुआ था पुरजोर विरोध
वायरल वीडियो में एक लड़का नारा लगा रहा है, 'हिंदुओं को अपने अंतिम संस्कार के लिए चावल रखना चाहिए और ईसाइयों को अपने अंतिम संस्कार के लिए सुगंधित धूप, अगरबत्ती रखना चाहिए। अगर आप शालीनता से रहते हैं तो आप हमारी भूमि में रह सकते हैं और यदि अच्छे से नहीं रहते हैं तो हम आजादी जानते हैं। शालीनता से जियो।' मौजूद लोग बच्चे के इस नारे को दोहराते सुनाई दे रहे हैं।
केरल पुलिस ने मंगलवार को पीएफआई अलपूझा के जिला अध्यक्ष नवास वंदनम और जिला सचिव मुजीब के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए के तहत अभद्र भाषा के मामले में मामला दर्ज किया था।