केदारनाथ: हर साल लाखों की संख्या में भक्त केदारनाथ की यात्रा के लिए जाते हैं। इस दौरान कई बार मौसम खराब होता है और बर्फबारी भी होती है लेकिन भक्तों के मनोबल पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि जिला प्रशासन ने ताजा हालातों और हिमपात को देखते हुए केदारनाथ यात्रियों के लिए गाइडलाइन जारी की है।
एसपी डॉ विशाखा भदाणे ने कहा, 'केदारनाथ धाम की यात्रा करने वाले सभी यात्रियों से अनुरोध है कि लगातार बर्फबारी के कारण सभी यात्री रुक-रुककर यात्रा करें और मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए यात्रा करें।'
25 अप्रैल को ही खुले हैं केदारनाथ के कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट बीते 25 अप्रैल को ही खुले हैं। इस दौरान मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। मंदिर के कपाट पूरे विधि-विधान के साथ सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर खोले गए। इस दौरान केदारनाथ में हो रही भारी बर्फबारी के बावजूद भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे थे और अभी भी पहुंच रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, जिस दिन कपाट खुले, उस दिन मंदिर परिसर में 7 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद थे।
क्या है केदारनाथ की खासियत
ये मंदिर समुद्र तल से 3 हजार 581 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसे 5वें ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहीं पर भगवान शिव ने पांडवों को बैल के रूप में दर्शन दिए थे। 8वीं और 9वीं सदी में जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने इस भव्य मंदिर का निर्माण कराया था। तत्कालीन गढ़वाल नरेश ने मंदिर के निर्माण के लिए सारा प्रबंध किया था।
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