Highlights
- गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर लगी रोक हटाई गई
- श्रद्धालुओं के गिरते संख्या की वजह से लिया गया फैसला
- पहले तीर्थयात्री सभामंडप से ही करते थे दर्शन
kedarnath Dham: केदारनाथ मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में गिरावट आने के बाद हिमालयी मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दी गई। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शनिवार को बताया कि तीर्थयात्रियों की भीड़ को देखते हुए छह मई को सुरक्षा कारणों से यह प्रतिबंध लगाया गया था। अजय ने कहा कि मंदिर के गर्भगृह में बहुत सीमित जगह है और तीर्थयात्रियों को इसके अंदर जाने देना जोखिम भरा हो सकता था, इसलिए प्रतिबंध लगाया गया था। तीर्थयात्री सभा मंडप से आगे नहीं जा सकते थे, लेकिन प्रतिबंध शुक्रवार को हटा लिया गया।
श्रद्धालुओं की घटती संख्या को देखते हुए हटाया गया प्रतिबंध
मंदिर में प्रतिदिन आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी गिरावट के कारण यह प्रतिबंध हटाया गया है। बीकेटीसी के अध्यक्ष ने बताया कि जब मई में केदारनाथ की यात्रा आरंभ हुई थी, उस समय प्रतिदिन औसतन 16,000-17,000 लोग दर्शन के लिए आते थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर 2,000-3,000 तीर्थयात्री रह गई है। प्रसिद्ध मंदिर में तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी का कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान तथा स्कूल एवं कॉलेज में गर्मी की छुट्टियां समाप्त होने के बाद यात्रियों की संख्या में कमी आना सामान्य है।
अजय ने कहा कि हर साल 20 जून के बाद तीर्थयात्रियों की संख्या में गिरावट दर्ज की जाती है, क्योंकि मानसून के दौरान यात्रा मार्गों में बाधा पैदा होती है। स्कूल और कॉलेज में गर्मी की छुट्टियां समाप्त होना भी संख्या में गिरावट का एक और कारण है। उन्होंने कहा, ‘‘बहरहाल, सितंबर-अक्टूबर के दौरान मौसम साफ होने पर तीर्थयात्रियों की संख्या फिर से बढ़ जाती है।’’ केदारनाथ और बद्रीनाथ धामों के कपाट क्रमश: छह और आठ मई को खुलने के बाद से शुक्रवार शाम तक रिकॉर्ड संख्या में 17,39,771 लोग दर्शन कर चुके हैं।