Highlights
- बारामुला से बनिहाल के बीच चलेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन
- 324 करोड़ रुपए की लागत का है ये प्रोजेक्ट
- बहुत जल्द इस ट्रेन में सफर कर सकेंगे आमलोग
कश्मीर में अब बहुत जल्द आपको बारामुला से बनिहाल के बीच 137 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर इलेक्ट्रिक ट्रेन दौड़ती हुई नजर आएगी। इस ट्रेन के अभी ट्रायल रन हुए हैं और बहुत जल्द आमजन इस ट्रेन में रोजाना सफर कर सकेंगे। 324 करोड़ रुपए की लागत से इस प्रोजेक्ट को तैयार किया गया है। इस ट्रेन की ख़ास बात यह है कि ये पूरी तरह से पॉल्यूशन फ्री है। इससे ऑपरेशनल लागत में भी 60% की कमी आएगी। घाटी में पर्यावरण की सुरक्षा से भारतीय रेलवे कश्मीर क्षेत्र के लिए पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन शुरू कर रहा है।
137 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर चलेगी ट्रेन
बताया जा रहा है कि बनिहाल-बारामुला कॉरिडोर पर पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन बहुत जल्द शुरू होगी। इलेक्ट्रिक ट्रेन जम्मू-कश्मीर रेल लिंक के 137 किलोमीटर लंबे बनिहाल-बारामुला कॉरिडोर पर चलेगी। भारतीय रेलवे ने बडगाम-बारामुला रेल लिंक और बनिहाल-बारामुला रेल लिंक पर भी कई परीक्षण किए हैं। कठिन परिस्तिथियों में बने इस सेक्शन में पीर पंजाल पर्वत श्रेणियों में सिथित बनिहाल-क़ाज़ीगुंड के बीच भारतीय रेलवे की सबसे लम्बी रेल सुरंग (11.2 किलोमीटर) को भी इलेक्ट्रिफाई किया गया है।
इस इलेक्ट्रिक ट्रेन के हैं दो सेक्शन
इस इलेक्ट्रिक ट्रैन की ख़ास बात ये है कि इसकी रफ़्तार दुसरी ट्रेनों के मुक़ाबले में ज़्यादा होगी और बर्फ में कोई मुश्किल पेश न हो उस लिहाज से इस ट्रैन को काफी एडवांस बनाया गया है। इंडिया टीवी से बात करते हुए आबिद अमीन शाह, एडिशनल जनरल मैनेजर, इरकॉन ने कहा कि इस इलेक्ट्रिक ट्रेन के दो सेक्शन हैं। बडगाम-बारामुला रेल लिंक का परीक्षण इस साल की शुरुआत में हुआ था और अब हमने 24, 25 और 26 सितंबर को बडगाम-बनिहाल सेक्शन के लिए परीक्षण किया। आबिद अमीन शाह ने आगे बताया कि हमने प्रिंसिपल चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, उत्तर रेलवे से सुरक्षा और सेफ्टी निरीक्षण भी करवाया। यह तीन दिनों के लिए किया गया था और हम इस सेक्शन में पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने के लिए फिट हैं।
करीब 97 प्रतिशत ट्रेनों को किया इलेक्ट्रिक
आबिद शाह ने ये भी कहा कि भारतीय रेलवे प्रदूषण मुक्त रेलवे पर जोर दे रहा है और कश्मीर में ईंधन से चलने वाली सभी ट्रेनों को इलेक्ट्रिक में बदलने का काम चला रहा है। ये इलेक्ट्रिक ट्रेनें लागत प्रभावी भी हैं क्योंकि इसमें ऑपरेशनल लागत में 60 प्रतिशत से अधिक की कमी होगी। 95-97 प्रतिशत ट्रेनों को इलेक्ट्रिक कर दिया गया है। इससे यात्रा का समय भी बचेगा, क्योंकि इसकी गति डीजल ट्रेनों से अधिक है। रेलवे को प्रदूषण मुक्त बनाना भारत सरकार का मिशन है और इन इलेक्ट्रिक ट्रेनों के आने से प्रदूषण शून्य हो जाएगा। विशेष रूप से कश्मीर घाटी के संबंध में, यह बहुत अच्छी बात हैं।
भारतीय रेलवे ने इस प्रोजेक्ट पर 2019 में काम शुरू किया था जो अब पूरी तरह से पूरा हो चूका है। करीब 350 करोड़ की लगत से बने इस प्रोजेक्ट से आम लोग बेहद खुश नज़र आ रहे हैं। लोग इलेक्ट्रिक ट्रेन के चलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि इससे यात्रा आसान और सस्ती हो जाएगी, साथ ही यह इस खूबसूरत स्वर्ग को प्रदूषित होने से बचा लेगी।