बेंगलुरु: कर्नाटक के मदिकेरी जिले के एक जूनियर कॉलेज के प्रिंसिपल को जान से मारने की धमकी मिली है। प्रिंसिपल ने हिजाब पहनकर आई छात्राओं को कॉलेज से वापस भेज दिया था, जिसके बाद उन्हें धमकी मिली है। प्रिंसिपल ने शनिवार को पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि एक व्यक्ति ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। मदिकेरी जूनियर कॉलेज के प्रिंसिपल विजय की शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है।
सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी देने वाले मोहम्मद तौसीफ नाम के शख्स के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। प्रिंसिपल विजय ने बताया कि उन्हें धमकी दी गई है कि अब तुम जिंदा नहीं बचेंगे। प्रिंसिलप ने बताया कि उन्होंने बच्चों (स्टूडेंट्स) को केवल सरकारी आदेश और कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के बारे में समझाने की कोशिश की थी। विजय ने कहा, "बच्चों ने इस मुद्दे पर बहस की और जवाब दिया, जिससे हमें दुख हुआ। हम दुखी हैं लेकिन वे निर्दोष हैं। इसे लेकर अच्छे संदेश भी हैं। लेकिन, इस व्यक्ति ने गाली दी है और धमकी दी है।"
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें प्रिंसिपल विजय को तेज आवाज में छात्राओं से बात करते हुए सुना जा सकता है। हिजाब पहनने और कक्षाओं में भाग लेने पर जोर देने पर उन्होंने पुलिस की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही।
इस बीच, राजस्व मंत्री आर. अशोक ने राज्य में हिजाब विवाद के पीछे आतंकी संगठन आईएसआईएस का हाथ होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "यह (हिजाब विवाद) एक छोटे से शहर, उडुपी में शुरू हुआ था और यह एक सप्ताह में वैश्विक स्तर तक कैसे पहुंच सकता है? बच्चे संभवत: ऐसा नहीं कर सकते।"
मंत्री ने आगे कहा कि हिजाब विवाद में एक अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन की अहम भूमिका है। एक आतंकवादी संगठन का लिंक है, जो पाकिस्तान, इराक और ईरान देशों में सक्रिय है। स्कूली बच्चों को सावधान रहने की जरूरत है और वे अपनी धार्मिक प्रथाओं को कक्षाओं में नहीं ले जा सकते। उन्होंने कहा कि न तो हिजाब होना चाहिए और न ही भगवा शॉल।
मंत्री अशोक ने कहा, "हम हिजाब विवाद पर साजिश के लिए अचानक बच्चों से पूछताछ नहीं कर सकते। हम इससे आसान तरीके से निपटेंगे। जांच चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। विवाद के पीछे आतंकवादी तत्वों का पदार्फाश करने की जरूरत है और यह होगा। आतंकी साजिश बच्चों को यह बताने के लिए है कि उनकी धार्मिकता शिक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है।"
छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि बाहरी लोगों की संलिप्तता ने बहुत भ्रम पैदा किया है। अगर कॉलेज प्रशासन, छात्र और अभिभावक मामले को सुलझाते तो अब तक यह सुलझ चुका होता। उन्होंने आगे कहा, "मैं सभी मामलों की जानकारी लूंगा और फिर इस पर गौर करूंगा।"
(इनपुट- एजेंसी)