Highlights
- केंद्रीय नेतृत्व ने मंजूरी दी तो वह 2023 में राज्य विधानसभा चुनाव में उतरेंगे: विजयेंद्र
- "BJP एक राष्ट्रीय पार्टी है और इस पार्टी में उत्तराधिकारी का कोई सवाल ही नहीं है"
- विजयेंद्र को जुलाई 2020 में पार्टी उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था
Karnataka News: पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई विजयेंद्र ने सोमवार को कहा कि अगर केंद्रीय नेतृत्व ने मंजूरी दी तो वह 2023 में राज्य विधानसभा चुनाव में उतरेंगे। विजयेंद्र कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व उनकी उम्मीदवारी के संबंध में उचित समय पर फैसला लेगा। विजयेंद्र ने कहा, "कोई भ्रम नहीं है, मेरे पिता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का शिकारीपुरा निर्वाचन क्षेत्र से बहुत घनिष्ठ संबंध है। इसलिए पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और क्षेत्र के लोगों के दबाव में उन्होंने एक घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा है कि पार्टी और इसका केंद्रीय नेतृत्व फैसला करेगा।" पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने लोगों के दबाव में उन्हें चुनाव के लिए पारिवारिक गढ़ शिकारीपुरा से उम्मीदवार के रूप में घोषित किया, लेकिन इसके लिए पार्टी की मंजूर जरूरी है।
विजयेंद्र को येदियुरप्पा का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है
येदियुरप्पा के छोटे बेटे विजयेंद्र को पूर्व मुख्यमंत्री का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है। विजयेंद्र ने कहा, "अगर पार्टी ने मंजूरी दी, तो मैं चुनाव लड़ूंगा।" येदियुरप्पा ने अपनी चुनावी राजनीति के अंत का संकेत देते हुए गत शुक्रवार को कहा था कि वह शिवमोगा जिले की अपनी शिकारीपुरा विधानसभा सीट खाली कर देंगे और विजयेंद्र वहां से चुनाव लड़ेंगे। लिंगायत नेता ने हालांकि शनिवार को स्पष्ट किया कि केवल पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व ही चुनाव लड़ने के लिए टिकट पर फैसला कर सकता है। इसका स्पष्टीकरण उस दिन आया जब सीएम बसवराज बोम्मई ने येदियुरप्पा से उनके आवास पर मुलाकात की।
भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है, इसमें उत्तराधिकारी का कोई सवाल ही नहीं है: विजयेंद्र
यह पूछे जाने पर कि क्या दशकों तक मेहनत कर राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने वाले येदियुरप्पा जैसे नेता को अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए राजनीतिक उत्तराधिकारी चुनने की स्वतंत्रता नहीं है? इसपर विजयेंद्र ने कहा, "यह भाजपा है, एक राष्ट्रीय पार्टी है और इस पार्टी में उत्तराधिकारी का कोई सवाल ही नहीं है।" पार्टी के भीतर एक वर्ग को लगता है कि यह येदियुरप्पा द्वारा विजयेंद्र के राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने का एक प्रयास हो सकता है।
आपको बता दें कि हाल ही में वह अपने बेटे के लिए विधान परिषद का टिकट पाने में विफल रहे थे। विजयेंद्र को जुलाई 2020 में पार्टी उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले विजयेंद्र भाजपा की युवा इकाई के महासचिव के रूप में पार्टी में कार्यरत थे।