Highlights
- मुस्लिम छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन से टीसी लेने के लिए दाखिल की अर्जी
- दूसरे कॉलेजों में लेना चाहती हैं दाखिला, जहां हिजाब पहनने की इजाजत हो
- फरवरी माह में हिजाब को लेकर शुरू हुआ था विवाद, लगाई गई थी रोक
Karnataka Hijab Row: कर्नाटक में पिछले कुछ समय से हिजाब को लेकर विवाद चल रहा है। इस विवाद को लेकर देश में काफी हंगामा भी हुआ था। अब इसे लेकर एक नया मामला सामने आया है। यहां के हम्पनकट्टा में यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली पांच मुस्लिम छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन से टीसी यानी ट्रांसफर सर्टिफिकेट मांगी है। बता दें कि इस कॉलेज के क्लासरूम में छात्राओं के हिजाब पहनने पर पाबंदी लगाई गई है, जिसका मुस्लिम छात्राओं ने काफी विरोध किया था। बाद में मामला हाई कोर्ट पहुंच गया था।
मुस्लिम छात्राओं की ओर से दूसरे कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए टीसी जारी करने की अर्जी देने को लेकर कॉलेज की प्रिसिंपल अनसूया राय का कहना है कि पांचों छात्राओं ने टीसी के लिए अनुरोध किया था, ताकि वे हिजाब पहनने की इजाजत देने वाले दूसरे कॉलेजों में दाखिला ले सकें। प्रिसिंपल ने कहा कि चूंकि छात्राओं की ओर से टीसी के लिए दी गई अर्जी अधूरी पाई गई थी, इसलिए उन्हें इसमें सुधार के साथ फिर से अर्जी देने को कहा गया है।
ड्रेस कोड को लेकर हाई कोर्ट का निर्देश
हिजाब विवाद के बाद कॉलेज प्रशासन ने यह दावा किया था कि नए सत्र में कॉलेज में पहले से ज्यादा मुस्लिम छात्राओं ने दाखिला के लिए आवेदन दिया। वहीं, हाल ही में मंगलोर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने ऐलान किया था, "जो मुस्लिम छात्राएं हाई कोर्ट के निर्देश के मुताबिक कॉलेज प्रशासन की ओर से निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करने में असहज महसूस कर रही हैं। छात्राएं कोर्ट का आदेश मानने के लिए इच्छुक नहीं है और वे किसी ऐसे संस्थान में पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं, जहां पर उन्हें हिजाब पहनने की इजाजत मिले, तो इस स्थिति में कॉलेज प्रशासन मुस्लिम छात्राओं के लिए विशेष प्रबंध करेगा।"
हिजाब पहनकर कॉलेज आने पर लगाई गई थी रोक
गौरतलब है कि इस साल फरवरी में कर्नाटक के उडुप्पी में कॉलेज प्रशासन ने कुछ मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर कॉलेज आने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद कर्नाटक के कई कॉलेजों में हिजाब को लेकर विवाद शुरू हो गया था। मामला कर्नाटक हाई कोर्ट पहुंचा। तब कोर्ट ने फैसला दिया था कि शैक्षणिक संस्थानों में कॉलेज प्रशासन द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड को मानना पड़ेगा।