बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) के नीट पीजी क्वालीफाइंग परसेंटाइल को शून्य करने के हालिया फैसले के संबंध में केंद्र को नोटिस जारी किया है। केंद्र सरकार के इस फैसले को हुबली के वकील डॉ. विनोद कुलकर्णी ने चुनौती दी थी। मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, एमसीसी और अन्य को नोटिस जारी किया है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने कुछ दिनों पहले मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) ने एक नोटिस में कहा, "उम्मीदवारों को यह सूचना दी जाती है कि स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, भारत सरकार द्वारा एनईईटी पीजी काउंसलिंग 2023 के लिए पीजी कोर्स (मेडिकल/डेंटल) के लिए क्वालीफाइंग परसेंटाइल को MoHFW द्वारा सभी श्रेणियों में 'जीरो' कर दिया गया है।"
खाली रह जाती थीं हजारों सीट, इसलिए हुआ फैसला- सूत्र
यह पहली बार है कि 2017 में अन्य सभी मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की जगह लेने के बाद से पात्रता कट-ऑफ को पूरी तरह से हटा दिया गया है। बताया जा रहा है कि दो दौर की काउंसलिंग के बाद भी देश भर के मेडिकल कॉलेजों में 13,000 से अधिक सीटें वर्तमान में खाली हैं। जिसके बाद यह फैसला लिया गया।
उम्मीदवारों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया
जो उम्मीदवार पर्सेंटाइल में कमी के बाद पात्र हो गए हैं, उनके लिए पीजी काउंसलिंग के तीसरे दौर के लिए एक नया रजिस्ट्रेशन और ऑप्शन भरने की अवधि के साथ विडों खुलेगी। ये उम्मीदवार तीसरे दौर की काउंसलिंग में रजिस्ट्रेशन करने और भाग लेने के लिए पात्र हैं। जो उम्मीदवार पहले से रजिस्टर्ड हैं उन्हें दोबारा रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, नोटिस में कहा गया है कि उन्हें अपनी पसंद को एडिट करने की अनुमति दी जाएगी।
FORDA's ने की थी कट-ऑफ कम करने की अपील
स्वास्थ्य मंत्रालय के नोटिस के मुताबिक, पीजी काउंसलिंग के लिए राउंड-3 से आगे का नया शेड्यूल जल्द ही एमसीसी वेबसाइट पर उपलब्ध हो जाएगा। कट-ऑफ स्कोर में कमी फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय से इस मामले को देखने का आग्रह करने के कुछ दिनों बाद आई है। फोर्डा ने अपने पत्र में कहा,“पिछले वर्षों में, हमने NEET-PG के लिए कई दौर की काउंसलिंग के बाद भी, देश भर के मेडिकल संस्थानों में खाली सीटों के रूप में लगातार चुनौती देखी है। यह न केवल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए बल्कि महत्वाकांक्षी चिकित्सा पेशेवरों के लिए भी बड़ी चिंता का विषय है जो हमारे देश के स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे में योगदान देने के लिए उत्सुक हैं।
इनपुट - आईएएनएस