बेंगलुरु: ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने दुनिया में एक बार फिर दहशत पैदा कर दी है। लोगों के मन में सवाल उठने लगा है कि क्या एक बार फिर कोरोना जैसा कहर लोगों पर टूटने वाला है। कोरोना महामारी से अभी दुनिया पूरी तरह उबरी नहीं है कि HMPV नाम के इस नए वायरस ने लोगों को डरा दिया है। इस बीच कर्नाटक सरकार ने सोमवार को आश्वासन दिया कि HMPV को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। बेंगलुरु में एचएमपीवी के दो मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने यह बात कही। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इन दोनों मरीजों का अंतरराष्ट्रीय यात्रा का कोई इतिहास नहीं हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमें घबराना चाहिए, क्योंकि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। वायरस देश में पहले से ही मौजूद है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह भारत में एचएमपीवी का पहला मामला है, जो सच नहीं है क्योंकि एचएमपीवी वायरस देश में पहले से ही मौजूद है और कुछ प्रतिशत लोग इस वायरस से संक्रमित होते हैं तथा यह कोई नई बात नहीं है।’’
'HMPV लंबे समय से मौजूद है'
उन्होंने कहा, आठ महीने के शिशु का कोई यात्रा इतिहास नहीं है और वे (परिवार) स्थानीय निवासी हैं। वे चीन या किसी अन्य देश से नहीं आए हैं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि इसका इससे कोई संबंध है। मंत्री ने कहा कि चीन में एचएमपीवी के प्रकोप का कारण वायरस का एक नया स्वरूप है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास पूरी जानकारी नहीं है और भारत सरकार ने अब तक हमें पूरी जानकारी नहीं दी है। शायद वे और अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।’’
मंत्री ने कहा, एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है, यह लंबे समय से मौजूद है। वायरस के संक्रमण से आमतौर पर सर्दी, फ्लू या खांसी जैसे सामान्य लक्षण पैदा होते हैं। यह ऐसा वायरल संक्रमण है जो बिना उपचार के कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। यह कुछ समय बाद खत्म हो जाता है। मुझे नहीं लगता कि हमें इसे पहला मामला कहना चाहिए।’’
8 महीने की बच्ची में मिला HMPV
इससे पहले दिन में, स्वास्थ्य विभाग ने कहा था कि राज्य की राजधानी के एक प्राइवेट अस्पताल में आठ महीने के शिशु के एचएमपीवी से संक्रमित होने का मामला सामने आया है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि नमूनों की जांच सरकारी प्रयोगशाला में नहीं की गई थी और संक्रमण की पुष्टि का इंतजार किया जा रहा है। राव ने कहा कि केंद्र सरकार चीन में स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रही है। किसी भी तरह की जांच की आवश्यकता के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर आंतरिक रूप से भी चर्चा कर रहे हैं। मैंने अपने अधिकारियों को आईसीएमआर और भारत सरकार के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दी ये सलाह
उन्होंने कहा, इससे कोई गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता पैदा हो रही है या नहीं, सबसे पहले यह तय किया जाना चाहिए। क्या वास्तव में सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता की बात है, क्योंकि सिर्फ एक मामला सामने आया है? इस पर गौर किया जाना चाहिए। अगर आप सर्दी-जुकाम से पीड़ित किसी व्यक्ति की जांच करेंगे, तो उसमें कुछ वायरस होगा।’’ उन्होंने कहा कि लोगों को सामान्य सावधानियां बरतनी चाहिए और सावधान रहना चाहिए। अगर लोग सावधान हैं, तो यह हमारे लिए बेहतर है। खासकर अगर आपमें लक्षण हैं तो अपने हाथ धोएं, कुछ दूरी बनाए रखें। ये चीजें पहले से ही जारी की गई सलाह में शामिल हैं।’’
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