Highlights
- 66 साल के गंगाधर ने 5 घंटे तक समुद्र में लगातार स्वीमिंग की
- तकरीबन साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी भी तय की
- उनका ये साहसिक काम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है
66 साल के बुजुर्ग ने वो कर दिखाया जो एक युवक सोच भी नहीं सकता। बँधे हुए हाथ पैरों के साथ अरब सागर में छलांग लगाई। बंधे हुए हाथ पैर के साथ 5 घंटे तक लगातार स्वीमिंग करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। कर्नाटक के उडुपी शहर से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिन्हें देखकर आप चौंक जाएंगे, 66 साल के शख्स ने अरब सागर में तैराकी की, ये साधारण बात है लेकिन जब आपको ये पता चलेगा कि इस शख्स के हाथों और पैरों को जंजीरों से बांध दिया गया था। बावजूद इसके 66 साल के गंगाधर ने 5 घंटे तक समुद्र में लगातार स्वीमिंग की और तकरीबन साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी भी तय की।
उनका ये साहसिक काम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है, 24 जनवरी की सुबह जब 66 साल के गंगाधर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए अरब सागर में उतरे तब समुद्र का मिजाज ठीक नहीं था लहरें उफान मार रही थीं, लेकिन इन विषम परिस्थितियों से भी गंगाधर का हौसला जरा भी नहीं डगमगाया, और वो गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम के साथ नाव में बैठकर समुद्र के बीच निकल गए, इससे पहले उन्हें हाथों को हथकड़ियों के साथ पीछे की ओर बांध दिया गया था और पैरों में जंजीर लगा दी गई थी
ठीक 7 बजकर 50 मिनिट पर गंगधार ने बंधे हुए हाथ पैर के साथ अरब सागर में छलांग लगा दी, इस तरह तैरना कितना मुश्किल होता है इस बात का अंदाजा इन तस्वीरों को देखकर लगाया जा सकता है, जब भी गंगाधर विशाल समुद्र के अंदर जाते थे किनारे और नाव पर सवार लोगों की सांसें ऊपर नीचे हो रही थीं, गंगाधर अपनी जान को जोखिम में डालकर ये काम कर रहे थे और उन्हें देखने के लिये जमा लोग उनका हौसला बढ़ाने के साथ साथ ऊपर वाले से उनकी सलामती की प्रार्थना भी कर रहे थे।
गंगाधर डटे रहे एक या दो नहीं बल्कि बंधे हुए हाथ पैर के साथ 5 घंटे तक तैरते रहे जब उन्हें इस बात की सूचना दे दी गई कि बंधे हुए हाथ पैरों के साथ तैरने का वर्ल्ड रिकॉर्ड अब उनके नाम हो गया है, तब ही ये पानी से बाहर आए। साहस और रोमांच से भरे इस काम को सफल करने के बाद 66 साल के गंगाधर की खुशी का ठिकाना नहीं था लेकिन उनसे ज्यादा उन्हें देखने आए लोग खुश हो गए और तिरंगे के साथ गंगधार को कंधे पर उठाकर झूमने लगे गंगाधर के इस साहसिक काम की पूरे कर्नाटक में चर्चा हो रही है।