जब हम छोटे थे तो स्कूल के पाठ्यक्रम में कई बार हमने कल्पना चावला के नाम को सुना था। उस वक्त नहीं पता होता था कि स्पेस साइंस क्या है और इसका कितना बड़ा योगदान है। लेकिन जैसे-जैसे छोटे से हम बड़े होते जाते हैं तो पता चलता है कि स्पेस तकनीक कितनी कमाल की है। कल्पना चावला भी स्पेस की इसी तकनीक से जुड़ी हुई थीं। आज कल्पना चावला की 62वीं जयंती है। कल्पना भारतीय मूल की पहनी महिला थीं, जिन्होंने स्पेस में जाकर इतिहास रच दिया था। ऐसा कहा जाता है कि कल्पना बचपन से ही हवा में उड़ने का ख्वाब देखती थीं। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जी जान लगा दी। हरियाणा से ताल्लुक रखने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी महिला कल्पना चावला ने एक बार नहीं बल्कि अपने जीवन में 2 बार अंतरिक्ष की यात्रा की। ऐसा अवसर लोगों को कम ही बार मिलता है।
हरियाणा के करनाल में जन्मी थीं कल्पना चावला
हरियाणा के करनाल में कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हुआ था। उनकी माता का नाम संजयोती चावता और पिता का नाम बनारसी लाल चावता था। कल्पना बचपन से ही पढ़ने लिखने में होशियार थी। हमेशा अपने क्लास में टॉप पर आती थी। उनके माता-पिता की इच्छा थी कि उनकी बेटी एक शिक्षक बने। लेकिन किसे पता था कि एक दिन उनकी बेटी धरती को तो देखेगी, लेकिन हजारों मील ऊपर से, यानी स्पेस से। कल्पना ने स्पेस साइंस की दुनिया में जाने का बचपन में ही मन बना लिया था।
1988 में नासा के लिए शुरू किया काम
कल्पना ने जब अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई को खत्म की तो आगे की पढ़ाई के लिए वो अमेरिका चली गईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1984 में उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री अमेरिका से हासिल की। इसके बाद साल 1988 में उन्होंने पीएचडी की डिग्री भी प्राप्त की। साल 1988 ये वही समय था जब कल्पना ने विश्व की नंबर 1 कही जाने वाली स्पेस एजेंसी नासा के लिए काम करना शुरू कर दिया। उनकी मेहनत की बदौलत ही साल 1994 में उन्हें स्पेस मिशन के लिए चुना गया। यानी उन्हें अंतरिक्ष की यात्रा करनी थी।
एक नहीं बल्कि दो बार स्पेस की यात्रा
इन सब में सबसे खास बात यह थी कि कल्पना चावल वो महिला थीं, जिन्होंने एक बार नहीं बल्कि दो बार स्पेस का सफर किया। ऐसा मौका कम ही लोगों को मिलता है। साल 1997 में उन्हें पहली बार अंतरिक्ष की उड़ान के लिए चुना गया। उनकी पहली उड़ान 19 नवंबर से 5 दिसंबर तक चली। इसके बाद साल 2003 में वो फिर से स्पेस में गईं। इस दौरान कोलंबिया शटल से स्पेस के लिए उन्होंने दूसरी बार उड़ान भरी। 16 दिनों तक चलने वाला यह अभियान 1 फरवरी को खत्म होना था। लेकिन इस दौरान एक हादसा हुआ। दरअसल जिस यान से कल्पना स्पेस में गई थीं, वह धरती पर लौटते वक्त दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस कारण कल्पना चावला समेत कुल 6 वैज्ञानिकों की मौत हो गई थी। बता दें कि कल्पना चावला के योगदान के लिए उन्हें कई अवॉर्ड और सम्मान भी मिल चुके हैं।