Wednesday, December 11, 2024
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कोराना काल में अचानक होने वाली मौतों की वजह वैक्सीन थी या नहीं, राज्यसभा में केंद्र सरकार ने किया खुलासा

जेपी नड्डा ने कहा कि आईसीएमआर ने बताया है कि पिछले वर्ष मई-अगस्त के दौरान 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में एक अध्ययन किया गया।

Written By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Published : Dec 11, 2024 8:42 IST, Updated : Dec 11, 2024 9:59 IST
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा - India TV Hindi
Image Source : X@SANSAD_TV केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा

नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक रिसर्च रिपोर्ट को राज्यसभा में पेश किया जिसमें कोराना काल में अचानक हुई मौतों को लेकर अध्ययन किया गया था। जेपी नड्डा ने संसद को बताया कि रिसर्च से पता चलता है कि कोविड-19 टीकाकरण से भारत में युवा वयस्कों में अचानक मृत्यु का खतरा नहीं बढ़ता है। अध्ययन से पता चलता है कि टीकाकरण ऐसी मौतों की संभावना को कम करता है।

18-45 वर्ष की आयु के लोगों को लेकर किया रिसर्च

आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी ने 18-45 वर्ष की आयु के उन लोगों को लेकर रिसर्च किया, जो कोराना की वैक्सीन लेने से पहले स्वस्थ थे और उन्हें कोई बीमारी भी नहीं थी लेकिन बाद में 1 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक मृत्यु हो गई। यह शोध 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में किया गया।

रिसर्च के दौरान 729 ऐसे सेंपल लिए गए जिनकी अचानक मृत्यु हो गई और 2,916 सैंपल ऐसे लिए गए जिन्हें हार्ट अटैक आने के बाद बचा लिया गया। रिसर्च से पता चला कि वैक्सीन लेने के बाद मौत की संभावना कम हुई। आईसीएमआर की रिसर्च में यह भी पता चला कि जिन लोगों की अचानक मौत हुई थी वे लोग मरने से 48 घंटे पहले ज्यादा शराब का सेवन या फिर नशीले दवाओं का सेवन किए थे। साथ ही ज्यादा समय तक जिम में एक्सरसाइज किए थे।

जेपी नड्डा ने सदन को दी ये जानकारी

जेपी नड्डा ने संसद को बताया कि वैक्सीन के बाद अचानक मौतों का टीकाकरण से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि रिसर्च में देखा गया कि कोविड-19 टीके की दो खुराक लेने से ऐसी मृत्यु की आशंका काफी कम हो गई।  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीके से संबंधित दुष्प्रभावों को ट्रैक करने के लिए एक मजबूत टीकाकरण (एईएफआई) निगरानी प्रणाली स्थापित की गई है।

अनुप्रिया पटेल ने दी ये जानकारी

वहीं, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एक लिखित उत्तर में कहा कि हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड और कर्नाटक एंटीबायोटिक एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित क्रमश: मेट्रोनिडाजोल 400 मिलीग्राम और पैरासिटामोल 500 मिलीग्राम की गोलियों के एक विशेष बैच को परीक्षण के दौरान मानक गुणवत्ता रहित पाया गया।

इनपुट- पीटीआई

 

 

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