नई दिल्ली : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का 69वां राष्ट्रीय अधिवेशन 07 दिसंबर से 10 दिसंबर तक दिल्ली में होगा। अधिवेशन के दौरान प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार 2023 प्रदान किया जाएगा। इस कार्यक्रम में इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ और पद्मभूषण से सम्मानित रजत शर्मा चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल होंगे। रजत शर्मा ऐसे टीवी जर्नलिस्ट हैं जिन्होंने मीडिया क्षेत्र को एक नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाई है। यह कार्यक्रम नार्थ ईस्ट दिल्ली के अंतर्गत बुराड़ी क्रासिंग के पास स्थित डीडीए ग्राउंड में होगा।
क्यों आयोजित होता है यह क्रार्यक्रम?
ABVP हर साल राष्ट्रीय अधिवेशन में उन युवाओं को सम्मानित करती है जो शिक्षा, समाज, पर्यावरण, विज्ञान जैसे क्षेत्र में अच्छा काम करते हैं। इसके लिए कार्यक्रम से पहले ही कुछ युवाओं का चयन कर लिया जाता है और उन्हें प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। उन्हें पुरस्कार के तौर पर 1 लाख रुपये, प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह भी दिया जाता है। यह कार्यक्रम 7 दिसंबर से शुरू होकर 10 दिसंबर तक चलेगा। इस साल बिहार के शरद विवेक सागर, मध्य प्रदेश की लहरीबाई पडिया और राजस्थआन के डॉ. वैभव भंडारी को सम्मानित किया जाएगा।
कौन है शरद विवेक सागर?
बता दें कि शरद विवेक सागर बिहार के जीरादेई के रहने वाले हैं। शरद बचपन से ही श्री रामकृष्ण-विवेकानंद की शिक्षाओं से प्रेरित थे। इसके बाद उन्होंने शिक्षा से संबंधित कई समस्याओं का समाधान किया। उन्होंने 2008 में 'डेक्सटेरिटी ग्लोबल' नामक एक मंच बनाया जिसकी मदद से युवा पीढ़ी को सशक्त किया जा सके। आपको बता दें कि शरद द्वारा स्थापित इस मंच ने अब तक देश के दूर बसे गांवों के 70 लाख से ज्यादा युवाओं को शैक्षिक अवसरों से जोड़ा है। इतना ही नहीं मंच के पहले के छात्रों ने एक हजार से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी जीत हासिल की। इन्हीं छात्रों ने दुनिया के 500 टॉप यूनिवर्सिटी से 175 करोड़ रुपये से अधिक का स्कॉलरशिप हासिला किया। डेक्सटेरिटी ग्लोबल से जुड़े कई छात्र दुनिया के शैक्षणिक मंचों पर देश की शान बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
कौन है लहरीबाई पडिया?
लहरीबाई पडिया मिलेट्स को बचाने के लिए महत्वपूर्ण काम कर रही हैं। आप जानकर हैरान होंगे कि उनके पास 150 तरह के ऐसे पौष्टिक मोटे-अनाजों के बीज का बैंक है जो काफी दुर्लभ हैं। बैगा जनजाति से आने वाली लहरीबाई ने बेहतर स्वास्थ्य, प्रकृति संरक्षण और खान-पान के संबंध में जो भी संदेश दिया है वो आज की जरूरत के मुताबिक काफी जरूरी काम है। लहरीबाई चाहती हैं कि आने वाली पीढ़ी भी श्रीअन्न का स्वाद और उसका लाभ उठा सके, इसलिए वो काफी एक्टिव होकर काम करती हैं। मिलेट्स क्वीन के नाम से मशहूर लहरीबाई के इस काम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की है। इतना ही नहीं देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी लहरीबाई को 2021-22 का 'पादप जीनोम संरक्षक किसान सम्मान' से सम्मानित किया है।
कौन है डॉ. वैभव भंडारी?
इस साल प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार समारोह में डॉ. वैभव भंडारी को भी सम्मानित किया जाएगा। राजस्थान के पाली में रहने वाले वैभव ने दिव्यांगो की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए बहुत अहम काम किए हैं। वैभव को बचपन में ही मस्कुलर डिस्ट्राफी की वजह से जिंदगी बदलने वाली कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। लेकिन वैभव ने हार नहीं मानी और इसका डट कर मुकाबला किया। वैभव ने ऐसे काम किए जिससे समाज ऐसे हुए जिन्होंने दिव्यांगजनों की जिंदगी को आसान हो सके। बता दें कि 2007 में राजस्थान के वन और पर्यावरण मंत्रालय ने वैभव के पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए कोशिशों को मान्यता दी। उनके इस उल्लेखनीय कार्य के लिए देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उनको राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है।
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