उत्तराखंड के जोशीमठ में संकट कम नहीं हुआ है। अब तक करीब पांच सौ परिवारों को राहत कैंप में शिफ्ट किया जा चुका है, तो वहीं सीएम धामी खुद जोशी मठ में कैंप कर रहे हैं। रातभर सीएम राहत पीड़ितों के बीच रहकर ग्राउंड जीरो से हालात की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। आज सीएम उन सभी एजेंसी के साथ मीटिंग्स करने वाले हैं, जो लोगों के राहत और बचाव के साथ पुनर्वास पैकेज तैयार करने में लगे हैं।
600 घरों पर रेड मार्किंग, केवल 86 हो पाए खाली
बता दें कि जोशीमठ में अब तक 723 इमारतों में दरारें आई हैं और 500 परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है। जबकी 86 घरों को अबतक खाली कराया जा चुका है। वहीं 600 घरों पर रेड मार्किंग की गई है। जोशीमठ शहर के 30,000 लोग डेंजर ज़ोन में हैं जिनमें से संकट 12,000 लोगों पर सबसे ज्यादा संकट है। सरकार ने फिलहाल राहत के तौर पर 1.50 लाख रुपए देने का फैसला किया है।
लोगों को डेढ़ लाख रुपये की फौरी मदद
आज उन दोनों होटल्स को भी तोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है जिनके डैमेज होने के बाद से आसपास के घरों पर खतरा बढ़ गया है। हालांकि, डैमेज घरों को अभी नहीं तोड़ा जाएगा। वहीं जोशीमठ में पीड़ितों को शिफ्टिंग के लिए 50 हजार रुपए देने के साथ ही प्रशासन कुल डेढ़ लाख रुपये की फौरी मदद देने का ऐलान किया है। लेकिन लोग फुल मुआवजे की मांग पर अड़े हैं।
ग्राउंड जीरो पर सीएम पुष्कर सिंह धामी
आपदा की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद ग्राउंड जीरो पर हैं। 5 दिन में दूसरी बार धामी जोशीमठ पहुंचे। पहले लोगों के घरों में पहुंचे, उनका हालचाल जाना, उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया। इसके बाद धामी उन राहत शिविरों में पहुंचे जहां लोगों को जोशीमठ से विस्थापित कर रखा गया है। राहत शिविर में धामी ने लोगों से बात की और उनका दर्द सुना।
हफ्ते भर में मुआवजे का बनेगा प्लान
वहीं बुधवार को स्थानीय विधायक, डीएम, जनप्रतिनिधि और होटलों के मालिकों की मीटिंग हुई। लोगों का कहना है कि उन्हें बद्रीनाथ रिडेवलपमेंट प्लान की तर्ज पर मुआवजा मिलना चाहिए। हालांकि सरकार फिलहाल लोगों को डेढ़ लाख रुपए की मदद कर रही है। इसके बाद जिन लोगों के घर गिरेंगे, उनके लिए हफ्ते भर में मुआवजा प्लान करने का दावा किया जा रहा है।