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जोशीमठ में जमीन धंसने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दाखिल की याचिका

6 जनवरी तक यहां 603 घरों में दरारें आ चुकी हैं। इनमें 100 से ज्यादा घर ऐसे हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। इनमें 44 परिवारों को फिलहाल सुरक्षित जगह पर भेज दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, ISRO और ONGC की टीमें जोशीमठ का सर्व करेंगी।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: January 07, 2023 17:21 IST
जोशीमठ में जमीन धंसने का मामला- India TV Hindi
Image Source : PTI जोशीमठ में जमीन धंसने का मामला

उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने  शनिवार को अपने वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि इस भू-धंसाव की वजह से पूरा इलाका दहशत में है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट इस मामले में तुरंत दखल दे, और सरकार को सहयता कार्यों के लिए आदेश दे। इस जनहित याचिका में कहा गया है कि जोशीमठ में वर्तमान समय में जो जमीन धंसने की घटनाएं हुई हैं उसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को यहां के निवासियों की मदद के लिए भेजा जाए। 

वहीं इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचे और प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया। अपने दौरे के दौरान सीएम धामी पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। बता दें कि 6 जनवरी तक यहां 603 घरों में दरारें आ चुकी हैं। इनमें 100 से ज्यादा घर ऐसे हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। इनमें 44 परिवारों को फिलहाल सुरक्षित जगह पर भेज दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, ISRO और ONGC की टीमें जोशीमठ का सर्व करेंगी।

लोगों की जान बचाना हमारी पहली प्राथमिकता - पुष्कर सिंह धामी 

जानकारी के मुताबिक, जोशीमठ में कम से कम 9 वार्डों में दरारें और भूमि धंसने की घटनाएं सामने आई हैं। बता दें कि जिला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के लिए 1271 लोगों की क्षमता वाले 229 कमरों की पहचान की है। सीएम धामी ने इससे पहले शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अधिकारियों के साथ जोशीमठ की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करने के बाद कहा, ‘लोगों की जान बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है।’

जोशीमठ में रोके गए सारे कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट 

जोशीमठ में दरारें तेजी से बढ़ रही हैं। इसी को देखते हुए उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ और उसके आसपास सभी कंस्ट्रक्शन गतिविधियों को रोक दिया गया है, क्योंकि कस्बे की इमारतों में दरारें आ गई हैं। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने शनिवार इसकी जानकारी दी है। एएनआई से बात करते हुए, जिलाधिकारी ने कहा कि जोशीमठ में स्थिति को देखते हुए सभी कंस्ट्रक्शन वर्क रोक दिए गए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कस्बे का दौरा करने और लैंडस्लाइड प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने का कार्यक्रम है। जिलाधिकारी ने आगे कहा, "जोशीमठ में स्थानीय स्थिति को देखते हुए, अगले आदेश तक सभी प्रकार के निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं। 

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