जोशीमठ में भू-धंसाव रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पहले नगर में भारी भू-धंसाव फिर मारवाड़ी पुल के पास सड़क धंसने सहित अलकनंदा नदी के कटाव के साथ भूस्खलन के चलते लोगों की नींद और चैन उड़ गया है। इसके साथ ही रविग्राम वॉर्ड में बने गहरे गड्ढे ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। रविग्राम वॉर्ड मे एक बड़ा गड्ढा हो गया है, जिसकी गहराई का अनुमान लगाना मुश्किल है।
जोशीमठ में अभी दरारों वाले भवनों की संख्या 863 है। इनमें सें 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं। जेपी परिसर जोशीमठ में पानी का रिसाव 540 एलपीएम से घटकर वर्तमान में 170 एलपीएम हो गया है। जोशीमठ में लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन को ध्वस्त किया जा चुका है, जबकि मलारी इन एवं माउंट व्यू के ध्वस्तीकरण का कार्य अंतिम चरण में है।
घर छोड़कर जाने वाले परिवार
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली ने बताया कि यहां अब तक 248 परिवारों के 900 सदस्यों को विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है, जबकि 41 परिवारों के 71 सदस्य अपने रिश्तेदारों या किराये पर रहने चले गए हैं। जिला प्रशासन ने जोशीमठ क्षेत्र के अंतर्गत निवास करने योग्य अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 91 स्थानों में 661 कक्षों का चिन्हिकरण कर लिया है, जिसमें 2957 व्यक्तियों को ठहराया जा सकता है।
वहीं, नगर पालिका क्षेत्र जोशीमठ के बाहर पीपलकोटी में अस्थायी राहत शिविरों के रूप में 20 भवनों के 491 कमरों को चयनित किया गया है, जिसमें कुल 2205 लोगों को ठहराया जा सकेगा। राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन की ओर से अब तक 657 प्रभावितों को 424.27 लाख रुपये की धनराशि प्रभावित परिवारों में वितरित की जा चुकी है।
प्रभावितों लोगों को राहत सामग्री
प्रभावितों को अबतक 1024 खाद्यान किट, 1229 कंबल व 1382 लीटर दूध, 136 हीटर/ब्लोवर, 143 डेली यूज किट, 48 जोड़ी जूते, 150 थर्मल वियर, 175 हॉट वाटर बॉटल, 680 टोपी, 280 मौजे, 250 शाल, 263 इलेक्ट्रिक केतली एवं 1392 अन्य सामग्री पैकेट का वितरण राहत सामग्री के रूप में किया जा चुका है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग भी प्रभावितों के स्वास्थ्य परीक्षण में लगा है। राहत शिविरों में रह रहे 1273 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है।