Highlights
- बुशरा निदा 3 किताबें लिखकर घाटी की सबसे कम उम्र की लेखिका बन गईं हैं
- बुशरा निदा ने कई खिताब भी जीते हैं
- बुशरा निदा कश्मीर के कुलगाम जिले की 12वीं कक्षा की छात्रा हैं
कुलगाम: कहते हैं न कि अगर मन में कुछ ठान लो तो कुछ भी कर दिखाना नामुमकिन नहीं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले की 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 16 वर्षीय छात्रा बुशरा निदा ने। बुशरा निदा 3 किताबें लिखकर घाटी की सबसे कम उम्र की लेखिका बन गईं हैं। उन्होंने कई खिताब भी जीते हैं।
बुशरा निदा ने हाल ही में अल्बर्ट आइंस्टीन के समीकरण E=mc² पर अपनी तीसरी पुस्तक प्रकाशित की है। बुशरा निदा द्वारा लिखी गई तीन पुस्तकें 'ट्यूलिप ऑफ फीलिंग्स', 'द डेवी' और 'ई = एमसी 2' हैं।
बुशरा निदा को अपनी पहली और दूसरी किताब के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है।
बुशरा निदा की पहली किताब 'ट्यूलिप ऑफ फीलिंग्स' को 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' ने भी सराहा था। वहीं उनकी दूसरी किताब 'द डेवी' ने दूसरे देशों में भी वाहवाही बटोरी और इसे 'गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' के रूप में भी रजिस्ट्रर किया गया है।
इसके अलवा बुशरा को अपनी किताब के लिए 'एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में भी शामिल किया गया है। उन्होंने अपनी दूसरी किताब के लिए 'इंटरनेशनल कलाम का गोल्डन अवार्ड 2021' भी जीता था।